नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि बहुपक्षीय एजेंसियों से मिले तकनीकी सहयोग एवं जानकारी के आधार पर सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) समेत ढांचागत परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि ढांचागत जरूरतों के वित्तपोषण के लिए सार्वजनिक निवेश में वृद्धि के साथ निजी पूंजी को भी बढ़ाने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘बहुपक्षीय एजेंसियों से हासिल तकनीकी मदद एवं जानकारी लेकर ढांचागत परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इनमें पीपीपी मॉडल वाली परियोजनाएं भी शामिल होंगी।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ तरीकों, वित्तपोषण के नवाचारी तरीकों एवं संतुलित जोखिम आवंटन को अपनाकर ढांचागत परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाई जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि क्षमता निर्माण आयोग, केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उनकी ढांचागत एजेंसियों से मिले तकनीकी समर्थन से ढांचागत परियोजनाओं के लिए क्षमता निर्माण किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा होने से ‘पीएम गति शक्ति’ ढांचागत परियोजनाओं के नियोजन, डिजाइन, वित्तपोषण एवं क्रियान्वयन की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भाषा
प्रेम पाण्डेय
पाण्डेय
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