मुंबई, पांच अप्रैल (भाषा) देश के शीर्ष बैंकरों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का प्रमुख दरों पर लगातार सातवीं बार यथास्थिति रखने का फैसला उम्मीद के अनुरूप ही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नकदी संपत्ति अनुपात (एलसीआर) की समीक्षा मददगार साबित होगी।
बैंकिंग उद्योग के निकाय इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन एम वी राव ने कहा कि केंद्रीय बैंक का रुख उम्मीद के मुताबिक है। वह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि नीतिगत दर पर यथास्थिति से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में उच्च वृद्धि दर और कम मुद्रास्फीति के साथ अर्थव्यवस्था सही स्थिति में रहेगी।
खारा ने कहा कि दिन के 24 घंटे वाली भुगतान प्रणालियों के आने के बाद एलसीआर ढांचे की समीक्षा से विसंगतियों को दूर करने में मदद मिलेगी।
दास ने हाल में कहा था कि देश के बाहर की घटनाओं से संकेत मिलता है कि जमाकर्ता किसी भी तनाव की स्थिति में डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके अपनी जमा राशि तुरंत निकाल लेते हैं या स्थानांतरित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर तनाव की स्थिति में बैंकों को नुकसान नहीं होना चाहिए।
गैर बैंकिंग ऋणदाता मणप्पुरम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक वी पी नंदकुमार ने उम्मीद जताई कि खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत पर पहुंचने के बाद आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत और दक्षिण एशिया) जरीन दारूवाला ने कहा कि एलसीआर समीक्षा से डिजिटल लेनदेन माध्यमों को व्यापक रूप से अपनाने से पैदा होने वाले नकदी जोखिमों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के संजय अग्रवाल ने छोटे वित्त बैंकों को ब्याज दर जोखिमों से बचाने के लिए रुपया ब्याज डेरिवेटिव उत्पादों के इस्तेमाल की मंजूरी देने का स्वागत किया।
सिटी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशु खुल्लर ने कहा कि आरबीआई की कार्रवाई इस बात को दर्शाती है कि मुद्रास्फीति का प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी चार प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर है।
बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि ब्याज दर में कटौती की उम्मीद अगस्त के बाद ही की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दर में किसी भी तरह की ढील का फैसला वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगा।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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