(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वैश्विक निवेशक भारत में काफी रुचि रखते हैं और राज्यों को नीतिगत बाधाओं को दूर कर निवेश आकर्षित करने के लिए इस अवसर का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार और राज्य टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और राज्यों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि बैठक में कुल 36 में से 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल शामिल हुए। जो राज्य इसमें शामिल नहीं हुए, उनकी कुछ प्रतिबद्धताएं थी और उन्होंने पहले ही इस बारे में परिषद को सूचित कर दिया था।
बैठक में शामिल नहीं होने वाले राज्य कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी थे। परिषद की इस बैठक में सबसे ज्यादा राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हुए।
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि बैठक में मौजूद सभी लोगों ने सर्वसम्मति से पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन किया।
नीति आयोग के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर को एक बार की पहल नहीं माना जाना चाहिए और हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें तैयारियों के लिए अपने दृष्टिकोण को आधुनिक बनाना चाहिए।
बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है कि वैश्विक निवेशकों की भारत में काफी रूचि है।
उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल ही में हुए व्यापार समझौतों का हवाला देते हुए राज्यों को इस अवसर का उपयोग करने और निवेश के लिए चीजों को आसान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मोदी का हवाला देते हुए नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि राज्यों पर बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि वास्तविक कार्रवाई वहीं होती है, इसलिए राज्यों को रोजगार सृजन के लिए सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें (राज्यों को) नीतिगत बाधाओं को कम करने, पुराने और अप्रचलित कानूनों को हटाने, निवेशक अनुकूल माहौल बनाने…राज्य स्तर पर अनावश्यक विनियमनों को हटाने की आवश्यकता है।’’
मोदी ने राज्यों से अंतरराष्ट्रीय सैलानियों को आकर्षित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कम-से-कम एक वैश्विक मानकों वाला पर्यटन स्थल विकसित करने का आग्रह किया।
नीति आयोग ने प्रधानमंत्री के हवाले से ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ आते हैं और टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।’’
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यों से कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया।
बयान में कहा गया है कि मोदी ने नीति आयोग से निवेश आकर्षित करने के लिए ‘निवेश-अनुकूल चार्टर’ तैयार करने को कहा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए राज्य स्तर पर नदी ग्रिड बनाने को कहा।
उन्होंने मझोले और छोटे शहरों (टियर दो और टियर तीन) में पर्यावरण अनुकूल शहरी विकास, योजनाबद्ध शहरी नियोजन का भी आह्वान किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए उभरते क्षेत्रों में कौशल और प्रशिक्षण पर जोर दिया।’’
मोदी ने साइबर सुरक्षा को एक चुनौती के साथ-साथ एक अवसर भी बताया।
बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने हाइड्रोजन और हरित ऊर्जा को अपार संभावनाओं और अवसरों वाला क्षेत्र बताया।’’ साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मोदी ने यह भी कहा कि हमें ऑक्सीजन संयंत्रों की जांच करनी चाहिए और कोविड से संबंधित किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की 10 साल की यात्रा ‘राष्ट्र को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयार करने’ के लिए थी।
शासी परिषद की बैठक का विषय ‘2047 में विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ था।
मोदी ने कहा, ‘‘विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। जब हर राज्य विकसित होगा, तो भारत विकसित होगा। यह 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य हर राज्य को विकसित, हर शहर को विकसित, हर नगर पालिका को विकसित और हर गांव को विकसित बनाना होना चाहिए। अगर हम इस दिशा में काम करेंगे, तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।’’
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि राज्यों को वैश्विक मानकों के अनुरूप कम-से-कम एक पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए और सभी सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इससे पड़ोसी शहरों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास भी होगा।’’
मोदी ने कहा कि देश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, ऐसे में हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। वृद्धि, नवोन्मेष और पर्यावरण अनुकूल पहल भारत के शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए।
मोदी ने कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसे कानून और नीतियां बनानी चाहिए जिससे महिलाओं को सम्मानपूर्वक कार्यबल में शामिल किया जा सके।’’
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि केंद्र सरकार से प्रेरणा लेते हुए पांच राज्यों ने पहले ही अपने दृष्टि पत्र जारी कर दिए हैं और 12 राज्य इसे जारी करने के करीब हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
बयान में कहा गया, ‘मुख्यमंत्रियों/उपराज्यपालों ने 2047 तक विकसित भारत के लिए विकसित राज्य के दृष्टिकोण के लिए विभिन्न सुझाव दिए और अपने राज्यों में उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा की।’
भाषा रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.