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Thursday, 16 January, 2025
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चालू वित्त वर्ष में राज्यों का कर्ज जीएसडीपी के 30-31 प्रतिशत पर रहेगा : रिपोर्ट

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मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) राज्यों का कर्ज चालू वित्त वर्ष में उनके सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले 30-31 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर रहेगा। क्रिसिल द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व में मामूली वृद्धि और अपने साधनों से अत्यधिक कर्ज लेने के कारण राज्यों का कर्ज उच्चस्तर पर रहेगा।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जीएसडीपी के मुकाबले राज्यों का कुल कर्ज चालू वित्त वर्ष में 30-31 प्रतिशत तक रहने की संभावना है। यह आंकड़ा 2021-22 में 31.5 प्रतिशत था।

क्रिसिल ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-20 के दौरान 25 से 30 प्रतिशत की सीमा में रहने के बाद राज्यों का कर्ज वित्त वर्ष 2020-21 में 34 प्रतिशत के स्तर को पार कर गया था। इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 में यह 31.5 प्रतिशत पर आ गया।

रिपोर्ट में कहा गया कि मामूली राजस्व वृद्धि के साथ उच्च पूंजीगत व्यय के चलते राज्यों की कर्ज जरूरतें बनी हुई हैं। हालांकि, राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने के केंद्र के फैसले से कुछ राहत मिल सकती है। यह सहायता अवसंरचना और डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) सुधार पर खर्च के लिए दी जाएगी।

क्रिसिल ने कहा कि उसका अनुमान 18 शीर्ष राज्यों के अध्ययन पर आधारित हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और केरल शामिल हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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