मुंबई, 28 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास की सीमापार लेनदेन में अधिक दक्षता लाने की मांग के बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि बाधा-रहित सीमापार भुगतान से धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगा पाना मुश्किल हो जाएगा।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के निदेशक मंडल के सदस्य क्रिस्टोफर जे वालर ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भुगतान की रफ्तार धीमी करने वाले सभी गतिरोध खराब ही नहीं होते हैं।’’
भुगतान प्रणालियों पर नजर रखने वाले अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारी ने कहा कि भुगतान की धीमी रफ्तार एवं सुस्त निपटान से बैंकों को धनशोधन रोकने और आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण का मुकाबला करने, धोखाधड़ी का पता लगाने और फर्जी या गलत तरीके से किए गए सीमापार भुगतान को दोबारा पाने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि नए समाधान तलाशे जाने तक त्वरित भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ने से उनमें शामिल बैंकों के लिए जोखिम-प्रबंधन का बोझ बढ़ सकता है।
वालर ने कहा, ‘‘उपभोक्ता और व्यवसाय सस्ता एवं त्वरित सीमापार भुगतान चाहते हैं। मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हूँ कि आपस में जोड़ने की व्यवस्थाएं आवश्यक रूप से सफल ही होंगी।’’
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को उच्च लागत और देरी की चिंताओं को दूर करने के लिए घरेलू भुगतान प्रणालियों को तेजी से जोड़ने की वकालत की थी।
दास ने बेंगलुरु में एक व्याख्यान कार्यक्रम में कहा था, ‘‘देशों में त्वरित भुगतान प्रणालियों के उभरने और सीबीडीसी से जुड़े प्रयोग के साथ, सीमापार भुगतानों में अधिक दक्षता लाने के लिए नई संभावनाएं खुल रही हैं। ऐसी पहल में अधिकतम दक्षता लाभ एक प्रमुख डिज़ाइन तत्व के रूप में अंतर-संचालन सुनिश्चित करने से आएगा।’’
हालांकि, वालर ने इसे आसान न बताते हुए कहा, ‘‘अनुपालन और जोखिम-प्रबंधन कारणों से वैश्विक भुगतान प्रणाली में कुछ गतिरोध ‘जानबूझकर’ रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि इंटरलिंकिंग के बारे में सोचते समय शासन, निगरानी, डेटा गोपनीयता और निपटान व्यवस्था के साथ कानूनी, अनुपालन और परिचालन संबंधी पहलुओं पर भी गौर करना होगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंटरलिंकिंग शुरू करने से पहले मजबूत घरेलू नेटवर्क होना आवश्यक है और कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की प्रणाली को तैयार होने में दो साल लगेंगे।
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