नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) सामाजिक क्षेत्रों में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी बजट में महिलाओं और बालिकाओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये सभी तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने का अनुरोध किया है।
महिला और बाल कल्याण के लिये काम कर रहे विभिन्न संगठनों ने 2023-24 के आम बजट से पहले वित्त मंत्री को इस बारे में पत्र लिखा है। सीतारमण एक फरवरी को अगले वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगी।
महिला एवं बाल अधिकार संगठन (डब्ल्यूसीआरओ) गठबंधन की संयोजक अधिवक्ता वर्षा देशपांडे ने पत्र में कर बढ़ाने की अपील करते हुए कहा है, ‘‘करों में वृद्धि से तंबाकू उत्पाद महंगे हो जाएंगे। इससे महिलाएं और युवतियां तंबाकू उत्पादों के सेवन को लेकर हतोत्साहित होंगी। फलत: उन्हें तंबाकू से संबंधित बीमारियों और कैंसर के कारण जीवन भर की पीड़ा और दुख से बचाया जा सकेगा।’’
डब्ल्यूसीआरओ समुदाय आधारित संगठनों का एक गठबंधन है। यह देश के आठ राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल तथा पुडुचेरी और चंडीगढ़ जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में तंबाकू नियंत्रण सहित महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई के लिए काम कर रहा है।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में महिला बीड़ी श्रमिकों और उनके बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के लिए काम कर रहे नारी चेतना फाउंडेशन की मुन्नी बेगम ने लिखा है, ‘‘तंबाकू उत्पादों पर बढ़े हुए करों से अर्जित राजस्व का उपयोग महिलाओं, बच्चों और विशेष रूप से महिला बीड़ी श्रमिकों के कल्याण के लिए किया जा सकता है।’’
इन संगठनों ने पत्र में देश और विदेश में किए गए कई अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा है कि महिलाओं द्वारा किसी भी तरह से तंबाकू का सेवन प्रजनन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और गर्भावस्था के परिणाम को प्रभावित करता है। तंबाकू के उपयोग और सिगरेट से निकलने वाली धुएं के संपर्क में आने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ता है।
भाषा
रमण अजय
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