नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि दक्ष और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचा व्यवस्था स्थापित करने में क्षमता निर्माण और कौशल विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वडोदरा में एक कार्यशाला में सिंह ने केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) और राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) के पाठ्यक्रम में लॉजिस्टिक तथा बुनियादी ढांचे के विकास पाठ्यक्रमों को एकीकृत करने की बात कही।
इससे अधिकारियों को बुनियादी ढांचे के विकास की जटिलताओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी करने, लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने और देश की आर्थिक वृद्धि और विकास एजेंडा में महत्वपूर्ण योगदान देने में मदद मिलेगी।
डीपीआईआईटी ने देश के लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को मजबूत करने के प्रयासों के तहत गुजरात के वडोदरा में गति शक्ति विश्वविद्यालय के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों और राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस-एनएमपी) और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के सिद्धांतों को एकीकृत करने के उद्देश्य से किया गया था।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य शैक्षणिक रणनीतियों, पाठ्यक्रम विकास और सरकारी अधिकारियों के प्रशासनिक प्रशिक्षण में वास्तविक दुनिया की लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचे की चुनौतियों के एकीकरण पर विचार-मंथन के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है।
बयान के अनुसार, सिंह ने दक्ष और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचा व्यवस्था स्थापित करने के लिए लॉजिस्टिक क्षेत्र में क्षमता निर्माण तथा कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
भाषा रमण अजय
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