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मंगलवार, 17 जून, 2025
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भारतीय विमानन बाजार में महत्वपूर्ण अवसर, कराधान हमेशा एक मुद्दा रहा है: आईएटीए प्रमुख

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(मनोज राममोहन)

जिनेवा, 11 दिसंबर (भाषा) भारतीय नागर विमानन बाजार में रोमांचक और महत्वपूर्ण अवसर हैं लेकिन यहां कराधान हमेशा एक मुद्दा रहा है। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) के प्रमुख विली वॉल्श ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि कराधान का मुद्दा उद्योग को कम प्रतिस्पर्धी बनाता है।

आईएटीए एक वैश्विक समूह है, जो लगभग 300 एयरलाइन का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें भारतीय एयरलाइन कंपनियां भी शामिल हैं। इसके सदस्यों के पास वैश्विक हवाई यातायात का लगभग 83 प्रतिशत हिस्सा हैं।

भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र की तुलना में ‘अधिक मजबूत सुधार’ दर्शा रहा है, लेकिन आईएटीए के अनुसार नए विमान और कलपुर्जे हासिल करने के मामले में चुनौतियां आ सकती हैं।

वॉल्श ने कहा, ‘‘भारत में बाजार… भारत में अवसर बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारत में कुछ ऐसे मसले हैं। नियामकीय व्यवस्था और नौकरशाही के चलते वृद्धि की गति में बाधा आ सकती है।’’

उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में यहां एशिया प्रशांत क्षेत्र के पत्रकारों के साथ बातचीत में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में हालांकि चीन जैसी वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन क्षमता मौजूद है। वॉल्श ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में वह वास्तव में एक रोमांचक बाजार और अवसर देखते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के बारे में विचार करें तो, वहां बड़े पैमाने पर अवसर, आकार, जनसंख्या, बढ़ती संपत्ति के बीच यात्रा के लिए वैकल्पिक बुनियादी ढांचे की कमी है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक प्रतिस्पर्धी और बहुत महत्वपूर्ण विमानन बाजार है। आपको इसे प्रोत्साहित करने या कर लगाने की जरूरत नहीं है। आपको बस पीछे खड़े रहने और इसे होने देने की जरूरत है। बुनियादी ढांचे को विकसित होने दीजिए, एयरलाइंस को विकसित होने दीजिए। प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दीजिए।’’

भारत में एयरलाइन कंपनियां विमान ईंधन (एटीएफ) पर कर की ऊंची दर को लेकर चिंता जताती रही हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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