बेंगलुरू, 11 मार्च (भाषा) मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कर्नाटक में लाल मिर्च के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत मूल्य अंतर भुगतान योजना लागू करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने पत्र में कर्नाटक, खासकर कल्याण क्षेत्र के लाखों लाल मिर्च किसानों के लिए गहरी चिंता जताई, जो बाजार की कीमतों में भारी गिरावट के कारण अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च (गुंटूर किस्म) के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत मूल्य अंतर भुगतान (पीडीपी) योजना को मंजूरी दे दी है, जिसमें उत्पादन के 25 प्रतिशत तक कवरेज के साथ 11,781 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम हस्तक्षेप मूल्य (एमआईपी) तय किया गया है।
उन्होंने 10 मार्च को लिखे पत्र में कहा, ”यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन कर्नाटक के लाल मिर्च किसानों के सामने आने वाली समस्या का समाधान नहीं किया गया है।”
सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक में गुंटूर किस्म की लाल मिर्च (वर्षा आधारित) की उत्पादन लागत का आकलन कर्नाटक कृषि मूल्य आयोग द्वारा 12,675 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
उन्होंने कहा, ”हालांकि, किसानों को सिंधनूर जैसे बाजारों में 8,300 रुपये प्रति क्विंटल के कम दाम पर अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे न केवल भारी वित्तीय नुकसान होता है, बल्कि उनके अस्तित्व पर भी खतरा मंडराता है।”
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कल्याण कर्नाटक क्षेत्र, देश के सबसे पिछड़े और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में से एक है, जहां हजारों छोटे और सीमांत किसान लाल मिर्च की खेती पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत मूल्य अंतर भुगतान योजना को कर्नाटक तक बढ़ाए, ताकि आंध्र प्रदेश के साथ समानता सुनिश्चित हो सके।
भाषा पाण्डेय
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