झज्जर (हरियाणा), 20 अप्रैल (भाषा) पैनासोनिक इंडिया के प्रमुख मनीष शर्मा ने उद्योग की मांग को दोहराते हुए कहा कि कंप्रेसर और मोटर जैसे उच्च-मूल्य वाले कलपुर्जों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एयर कंडीशनर (एसी) खंड के लिए एक अलग उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की जरूरत है।
निष्क्रिय या बिना सेमीकंडक्टर वाले इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के लिए सरकार की हालिया पीएलआई योजना पर पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस इंडिया के चेयरमैन शर्मा ने कहा कि यह उद्योग को प्रोत्साहित करेगा और वैश्विक बाजारों में इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देगा।
सरकार ने 28 मार्च को 22,919 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ निष्क्रिय या गैर-सेमीकंडक्टर वाले इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी। यह पहली योजना है जो निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, भारत 12-13 अरब डॉलर के गैर-मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स का आयात करता है। लगभग पांच से छह अरब डॉलर के पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) को यहां असेंबल करने के लिए कहीं और से आयात किया जा रहा है।
उन्होंने कंपनी के पहले ‘स्मार्ट होम एक्सपीरियंस सेंटर’ के उद्घाटन के अवसर पर पीटीआई-भाषा से कहा, “अब उद्योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमें उन एकीकृत कलपुर्जों- हीट सिंक, पैसिव कलपुर्जा, कैपेसिटर, रेसिस्टर्स आदि का उपयोग शुरू कर देना चाहिए।”
शर्मा के अनुसार, यदि भारत को ‘वास्तव में’ देश में कलपुर्जों के विनिर्माण की यात्रा शुरू करनी है, तो उसे देश में ही अधिक पीसीबी बोर्ड का उत्पादन करना होगा।
इसी साल उद्योग निकाय सिएमा ने एयर कंडीशनर के लिए पीएलआई के एक और दौर की मांग की थी, जिससे उद्योग को 70 प्रतिशत से अधिक घरेलू मूल्य संवर्धन करने में मदद मिलेगी।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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