नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने दोपहिया सवारों की सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए शुक्रवार को ऐसे वाहनों के लिए अलग लेन बनाने और यातायात कानूनों को सख्ती से लागू करने की जरूरत पर बल दिया।
सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) के अध्यक्ष रोहित बलूजा ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि देश में कुल दोपहिया वाहनों में करीब 44 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) हैं।
उन्होंने कहा, “जरूरत इस बात की है कि उनके लिए अलग से लेन बनाई जाए, इससे सवारों की सुरक्षा में मदद मिलेगी और दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा, क्योंकि वे पैदल चलने वालों के साथ सबसे कमजोर सड़क उपयोगकर्ता हैं।”
बलूजा ने कहा कि भारत में हर साल सबसे ज्यादा 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.8 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की शीर्ष प्राथमिकताएं सड़क सुरक्षा, सुरक्षित राजमार्गों का विस्तार, वाहन सुरक्षा और ईवी को बढ़ावा देना हैं।
अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) के मानद अध्यक्ष के के कपिला ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में सुधार के बावजूद दोपहिया वाहन देश के प्रमुख शहरों की जीवनरेखा हैं।
कपिला ने कहा कि इसका एकमात्र समाधान प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से उन्हें सुरक्षित बनाने के तरीके और साधन खोजना है।
देश की अग्रमी दोपहिया विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड के कार्यकारी सलाहकार हरजीत सिंह ने कहा कि ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक जानते हैं कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने से दुर्घटनाएं हो सकती हैं, फिर भी वे नियमों का उल्लंघन करते हैं।
उन्होंने कहा कि चालकों की मानसिकता में बदलाव लाने, बेहतर शिक्षा और यातायात कानूनों का सख्ती से पालन करने जरूरत है।
भाषा अनुराग प्रेम
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