मुंबई, 16 मार्च (भाषा) शेयर बाजारों में एक दिन की गिरावट के बाद बुधवार को फिर तेजी लौटी और चौतरफा लिवाली से बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक चढ़कर फिर 56,000 अंक के स्तर के पार निकल गया। रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत का सार्थक परिणाम आने की उम्मीद के बीच मजबूत वैश्विक रुख से भी घरेलू बाजार को समर्थन मिला।
कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती से भी बाजार को गति मिली। हालांकि, निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बुधवार को होने वाली नीतिगत घोषणा पर है।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,039.80 अंक यानी 1.86 प्रतिशत की तेजी के साथ 56,816.65 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 312.35 अंक यानी 1.87 प्रतिशत मजबूत होकर 16,975.35 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 4.69 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में अल्ट्राटेक सीमेंट का शेयर रहा। इसके अलावा एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी, बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस और बजाज फाइनेंस में भी में तेजी रही।
दूसरी तरफ, केवल दो शेयर सन फार्मा और पावर ग्रिड 0.35 प्रतिशत तक नुकसान में रहे।
यूक्रेन के बयान के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी रही। यूक्रेन ने कहा है कि रूस के साथ बातचीत में समझौते को लेकर गुंजाइश है। हालांकि, रूसी सैनिकों ने कीव शहर पर हमले तेज कर दिये हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि रूस की मांगें ‘अपेक्षाकृत अधिक वास्तविक’ हो रही हैं। बुधवार को दोनों देशों के बीच फिर बातचीत होने की संभावना है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली और कच्चे तेल के दाम नरम होने से घरेलू बाजार में तेजी लौटी। सकारात्मक वैश्विक रुख और प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद में चीनी बाजार में जोरदार तेजी आने से बाजार को समर्थन मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के शेयर बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि को शामिल करते हुए अब स्थिर हो रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो यह बाजार के लिये राहत वाली बात होगी और बाजार में उतार-चढ़ाव कम होगा।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजित मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों का असर बृहस्पतिवार को बाजार पर दिखेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा सुझाव है कि तेजी पर कुछ मुनाफावसूली करना बेहतर होगा। इसका कारण 17,150 के स्तर पर अवरोध है….।’’
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा।
उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में मानक कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड 2.94 प्रतिशत बढ़कर 102.84 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 44 पैसे मजबूत होकर 76.18 पर पहुंच गयी।
शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने मंगलवार को 1,249.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा
रमण अजय
अजय
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