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Tuesday, 3 December, 2024
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अंतिम घंटे में बिकवाली से सेंसेक्स, निफ्टी पर विराम, इस हफ्ते सूचकांक तीन फीसदी तक गिरे

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मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार भारी बिकवाली के दबाव में शुरुआती बढ़त गंवा बैठे और नुकसान के साथ बंद हुए। इसके पीछे वैश्विक संकेतों के अलावा घरेलू धारणाओं का भी असर देखा गया।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स अंतिम घंटे में हुई भारी बिकवाली से सुबह के सत्र में हासिल बढ़त गंवा बैठा। एक समय सेंसेक्स 58,000 के स्तर तक पहुंच गया था लेकिन अंत में यह 76.71 अंक यानी 0.13 फीसदी गिरकर 57,200.23 अंक पर बंद हुआ।

अंतिम घंटों में बैंकिंग एवं वाहन कंपनियों के शेयरों में हुई भारी बिकवाली से सेंसेक्स में यह गिरावट आई।

एनएसई के सूचकांक निफ्टी का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। कारोबार के दौरान निफ्टी भी शुरू में बढ़त लेने के बाद अंत में गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी 8.20 अंक यानी 0.05 फीसदी गिरकर 17,101.95 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

सबसे ज्यादा नुकसान में मारुति सुजूकी रही जिसके शेयर 2.99 फीसदी तक गिर गए। टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एसबीआई को भी खासा नुकसान उठाना पड़ा।

वहीं, एनटीपीसी, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, विप्रो और आईटीसी के शेयर 3.89 फीसदी तक की बढ़त हासिल करने में सफल रहे।

दूरसंचार सेवा कंपनी भारती एयरटेल के शेयरों को भी गूगल से एक अरब डॉलर का निवेश मिलने की घोषणा से मजबूती मिली। एयरटेल के शेयर 1.23 फीसदी चढ़ गए।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘पिछले दिवस के कमजोर स्तर पर बंद होने वाले बाजार की शुरुआत मजबूत स्तर पर हुई। लेकिन जल्द ही घरेलू बाजार कमजोर यूरोपीय रुझानों से प्रभावित होकर बिकवाली के दबाव में आ गए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत सख्ती बरतने और यूक्रेन में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने वैश्विक धारणा को प्रभावित किया।’

नायर ने कहा कि इस सप्ताह में देखी गई भारी बिकवाली के बाद आईटी, रियल्टी और मिडकैप एवं स्मालकैप का प्रदर्शन सुधरा है।

गणतंत्र दिवस के अवकाश की वजह से सप्ताह में चार दिन ही कारोबार हो पाया। इस सप्ताह में बीएसई का सेंसेक्स 1,836.95 अंक यानी 3.11 फीसदी तक लुढ़क गया। वहीं एनएसई का निफ्टी भी 515.20 अंक यानी 2.92 फीसदी की गिरावट पर रहा।

एम्के वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा, ‘इस पूरे हफ्ते में बाजार के सभी क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव देखा गया। बाजार मंदड़ियों के कब्जे में जाने के संकेत दिख रहे हैं। अमेरिका में नीतिगत दरों में वृद्धि की संभावना से अमेरिकी एवं यूरोपीय बाजारों में गिरावट आई और उभरते बाजारों में भी यही देखने को मिला।’

थॉमस ने कहा कि आने वाले हफ्ते का कारोबार काफी हद तक बजट से जुड़ी उम्मीदों के असर में रहेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करने वाली हैं।

क्षेत्रवार स्तर पर शुक्रवार को बीएसई के बैंकिंग, वाहन एवं वित्त सूचकांक 0.75 फीसदी तक गिर गए। कुल 19 में से पांच सूचकांक नुकसान के साथ बंद हुए।

एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला। जापान एवं कोरिया के बाजार नकारात्मक स्तर पर बंद हुए।

यूरोप में भी बाजार दोपहर सत्र में नकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहे थे।

इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ 89.70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहा।

शेयर बाजार से मिली सूचना के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को 6,266.75 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की।

भाषा प्रेम पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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