नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा कि बाजार नियामक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पंजीकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाने को लेकर सक्रियता से काम कर रहा है।
पांडेय ने कहा कि इसका उद्देश्य पंजीकरण की समयसीमा को महीनों से घटाकर कुछ दिनों में लाना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि आंकड़ों की गोपनीयता संबंधी चिंता का उचित समाधान किया जाए।
उन्होंने कहा कि सेवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए, सेबी एफपीआई पंजीकरण के लिए एक दूसरा मंच भी तैयार कर रहा है। इसे वर्तमान में सीडीएसएल विकसित कर रहा है।
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब घरेलू निवेशकों की भागीदारी बढ़ने के बावजूद विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पांडेय ने गोल्डमैन शैक्स के 14वें भारत सीआईओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी निवेशक भारत के पूंजी बाजारों के केंद्र में बने हुए हैं। 1992 में जब से भारत ने एफपीआई के लिए अपने दरवाजे खोले हैं, पोर्टफोलियो प्रवाह ने 9.3 प्रतिशत का विस्तारित आंतरिक रिटर्न (एक्सआईआरआर) दिया है।
एक्सआईआरआर किसी निवेश पर वार्षिक रिटर्न दर को बताता है।
एफपीआई सितंबर, 2025 तक 876 अरब डॉलर मूल्य की संपत्ति का प्रबंधन कर रहे थे। उनकी सूचीबद्ध कंपनियों में लगभग 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
पांडेय ने कहा कि इसके साथ सेबी बाजार पहुंच को और भी सुगम बनाने के तरीकों पर विचार कर रहा है। प्रस्तावित ढांचे के तहत, स्वागत-एफआई (भरोसेमंद विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की स्वचालित और सामान्यीकृत पहुंच) को जल्द ही बिना किसी अतिरिक्त अनुमोदन के फेमा के तहत निर्धारित अन्य मार्गों से निवेश करने की अनुमति दी जा सकती है।
सेबी प्रमुख ने कहा कि नियामक इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या एफपीआई के लिए एक दिन में किए गए सभी कारोबार के लिए शुद्ध रूप से निपटान की अनुमति दी जा सकती है। यह एक परिचालन बदलाव है जिससे लागत कम हो सकती है, क्योंकि एफपीआई को वर्तमान में प्रत्येक कारोबार के लिए डिलिवरी देनी और लेनी होती है।
उन्होंने कहा कि सेबी इन सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है।
पांडेय के अनुसार, सेबी के सुधारों का अगला चरण वैश्विक निवेशकों के लिए सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। हाल के महीनों में, नियामक ने एफपीआई के बारे में मिले सुझावों पर लगातार काम किया है। पंजीकरण मॉड्यूल को तीव्र और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए इसमें सुधार किया गया है।
इसके अतिरिक्त, आईपीओ में एंकर निवेशक ढांचे को संशोधित किया गया है ताकि कई फंड संचालित करने वाले बड़े एफपीआई की भागीदारी आसान हो सके। साथ ही एंकर पूल का विस्तार करके जीवन बीमा और पेंशन कोष जैसे दीर्घकालिक निवेशकों को भी इसमें शामिल किया जा सके।
सेबी ने इंडिया मार्केट एक्सेस पोर्टल जैसे उपकरणों के साथ परिवेश को भी मजबूत किया है, जो सभी नियामक और प्रक्रियात्मक सूचनाओं को एक ही स्थान पर एकत्रित करता है। साथ ही बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए ‘ब्लॉक विंडो’ ढांचे की व्यापक समीक्षा भी की है।
उन्होंने कहा कि नियामक बेहतर मूल्य निर्धारण और बाजार दक्षता के लिए हितधारकों के परामर्श से ‘क्लोजिंग’ नीलामी सत्र शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाषा रमण अजय
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