नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को प्रतिभूति बाजार में लावारिस संपत्तियों को कम करने के साथ ही दावा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नामांकन ढांचे में सुधार का प्रस्ताव रखा।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की इस कवायद का मकसद ऐसे निवेशक, जो अब दुनिया में नहीं हैं, उनके जीवित उत्तराधिकारियों को आसानी से संपत्ति सौंपना है।
बाजार नियामक ने अपने परामर्श पत्र में शेयर, बांड, रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट), इनविट (अवसंरचना निवेश ट्रस्ट), एआईएफ (वैकल्पिक निवेश फंड) और म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों तथा डिमैट रूप में रखी गई अन्य प्रतिभूतियों के लिए नामांकन सुविधाओं में संशोधन का प्रस्ताव दिया।
इसके तहत निवेशकों को सुविधाजनक रूप से नामांकन का विकल्प देने और संस्थानों की प्रक्रियाओं में एकरूपता लाने का प्रस्ताव है।
इस तरह की संशोधित नामांकन सुविधाएं हस्तांतरण और उत्तराधिकार को नियंत्रित करने वाले कानून की प्रचलित प्रणालियों को प्रभावित किए बिना काम करेंगी।
सेबी ने जनता से आठ मार्च तक इस पर टिप्पणियां मांगी हैं।
भाषा पाण्डेय रमण
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