नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) बाजार नियामक सेबी योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की परिभाषा का विस्तार करने और 200 निवेशकों की सीमा को हटाने पर विचार कर रहा है, जिससे एंजल कोष को मान्यता प्राप्त निवेशकों के व्यापक समूह तक पहुंच मिल सके।
इस कदम से अधिक धनी निवेशक भाग ले सकेंगे, जिससे स्टार्टअप के लिए वित्तपोषण बढ़ेगी। यह सुनिश्चित करता है कि केवल वित्तीय रूप से मजबूत निवेशक ही उच्च जोखिम वाले निवेश करें, जिससे एंजेल कोष को अधिक पूंजी जुटाने और शुरुआती चरण की कंपनियों का समर्थन करने में मदद मिलती है।
एन्जेल कोष एक प्रकार का उद्यम पूंजी कोष है, जो स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए निवेशकों से धन जुटाता है।
हालांकि, निवेशकों की जोखिम क्षमता के अपर्याप्त सत्यापन, मजबूत वित्तीय समर्थन के बिना बड़ी संख्या में निवेशकों को शामिल करने, तथा कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत निजी नियोजन विनियमों के साथ संभावित टकराव के बारे में चिंताएं व्यक्त की गई हैं।
इन चिंताओं को दूर करने के लिए, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पहले प्रस्ताव दिया था कि केवल मान्यता प्राप्त निवेशकों (एआई) को ही एंजल कोष में निवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
अब, नियामक मान्यता प्राप्त निवेशकों को शामिल करने के लिए क्यूआईबी की परिभाषा में संशोधन करने पर प्रतिक्रिया मांग रहा है, विशेष रूप से निवेश के अवसर प्रदान करने और एंजल फंड के माध्यम से निवेश आवंटित करने के लिए।
इसके अलावा, सेबी ने एंजल कोष के लिए 200 निवेशकों की सीमा को हटाने का प्रस्ताव दिया है।
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