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Saturday, 16 August, 2025
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सेबी ने निवेश सलाहकारों, शोध विश्लेषकों को एक वर्ष तक अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति दी

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नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों को एक वर्ष तक अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति दे दी है।

मौजूदा नियमों के तहत, निवेश सलाहकार (आईएएस) ग्राहक के सहमत होने पर दो तिमाहियों तक के लिए अग्रिम शुल्क ले सकते हैं, जबकि शोध विश्लेषकों (आरएएस) के लिए सिर्फ एक तिमाही के लिए शुल्क लेने की अनुमति थी।

सेबी ने बुधवार को अपने परिपत्र में कहा, “यदि ग्राहक द्वारा सहमति दी जाती है, तो निवेश सलाहकार और अनुसंधान विश्लेषक अग्रिम में शुल्क ले सकते हैं। हालांकि, इस तरह का अग्रिम शुल्क एक वर्ष की अवधि के शुल्क से अधिक नहीं होगा।”

शुल्क-संबंधित प्रावधान जैसे कि शुल्क सीमा, शुल्क के भुगतान का तरीका, शुल्क वापसी, अग्रिम शुल्क, और ‘ब्रेकेज शुल्क’ केवल उनके व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) ग्राहकों के मामले में लागू होंगे (बशर्ते ये ग्राहक मान्यता प्राप्त निवेशक नहीं हैं)।

ये प्रावधान गैर-व्यक्तिगत ग्राहकों, मान्यता प्राप्त निवेशकों और संस्थागत निवेशकों के मामले में एक प्रॉक्सी सलाहकार की सिफारिश की मांग के मामले में लागू नहीं होंगे।

गैर-व्यक्तिगत ग्राहकों के मामले में, मान्यता प्राप्त निवेशकों, और संस्थागत निवेशकों के मामले में एक प्रॉक्सी सलाहकार की सिफारिश की मांग करने वाले, शुल्क से संबंधित नियमों और शर्तों को द्विपक्षीय रूप से बातचीत के आधार पर तय शर्तों के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा।

नए दिशानिर्देश परिपत्र जारी करने की तारीख से लागू होंगे।

भाषा अनुराग अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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