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Thursday, 27 November, 2025
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एसबीआई को पांच-छह साल तक इक्विटी पूंजी की जरूरत नहीं : शेट्टी

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने कहा कि इस साल की शुरुआत में पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये जुटाई गई 25,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी से 12 लाख करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि को समर्थन मिलेगा। साथ ही पांच से छह साल तक पूंजी पर्याप्तता अनुपात 15 प्रतिशत बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि ऋण पूंजी के संबंध में बैंक आवधिक प्रक्रिया के तहत बॉन्ड के माध्यम से 12,500 करोड़ रुपये जुटाएगा।

शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ इस क्यूआईपी के शुरू होने से पहले भी, ऋण वृद्धि को वित्तपोषित करने की हमारी क्षमता कभी समस्या नहीं रही। हम पूंजी अनुपात को मजबूत करना चाहते थे, इसलिए हमने ऐसा किया। हमारी दीर्घकालिक रणनीति सीआरएआर को 15 प्रतिशत और ‘कॉमन इक्विट टियर-1’ को 12 प्रतिशत पर बनाए रखना है।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह का पूंजी-जोखिम परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) बैंक को 12000 अरब रुपये से अधिक के अग्रिमों को वित्तपोषित करने की क्षमता प्रदान करता है।

एसबीआई के चेयरमैन ने कहा, ‘‘ आज की लाभ दर के साथ, अगर यही लाभप्रदता अगले पांच से छह वर्ष तक बनी रहती है, तो हमें कम से कम सीईटी-1 पर कोई भी पूंजी जुटाने की आवश्यकता नहीं होगी।’’

एसबीआई ने इस साल जुलाई में अपने इक्विटी शेयर के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाए। इससे यह भारतीय पूंजी बाजारों में अब तक का सबसे बड़ा क्यूआईपी बन गया। इससे पहले बैंक ने जून 2017 में क्यूआईपी के जरिये 15,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाई थी।

टियर-II बॉन्ड से कोष जुटाने को लेकर शेट्टी ने कहा कि इस साल बैंक ऐसे बॉन्ड के जरिये और 12,500 करोड़ रुपये जुटाएगा…।

टियर-1 बॉन्ड से तात्पर्य इक्विटी पूंजी से है। वहीं ​​टियर-II बॉन्ड निश्चित अवधि के लिए जुटाई जाने वाली राशि है।

एसबीआई के चेयरमैन ने साथ ही भरोसा जताया कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले सप्ताह की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लेता है तब भी वह तीन प्रतिशत शुद्ध ब्याज मुनाफे के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले शुक्रवार को आरबीआई का निर्णय एक ‘‘ कड़ी चुनौती ’’ होगा।

शेट्टी ने कहा कि एसबीआई का मानना ​​है कि ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की मामूली कटौती की जा सकती है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है और अक्टूबर में पिछली द्विमासिक नीति में इसका उल्लेख किया गया था।

हालिया वक्तव्य और व्यापक आर्थिक संकेतकों ने पांच दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समिति के निर्णय में ब्याज दरों में कटौती की व्यापक उम्मीदें जगा दी हैं।

देश के सबसे बड़े ऋणदाता के प्रमुख शेट्टी ने कहा कि वृद्धि दर उच्च स्तर पर बनी हुई है। बैंक को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी 7.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी। इसलिए आरबीआई को इस पर कड़ा रुख अपनाना होगा।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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