मुंबई: महात्मका गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में अधिक महिलाओं को शामिल करने के बारे में बात करते हुए सोमवार को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि, इससे महिलाओं को औपचारिक बैंक प्रणाली में लाया जा सकेगा.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों की तरफ से तैयार एक रिपोर्ट में सोमवार को कहा गया कि दक्षिणी राज्य मनरेगा के तहत अधिक महिलाओं को भागीदारी दे रहे हैं और प्रधानमंत्री जन धन योजना के लाभार्थियों में भी महिलाओं की भागीदारी बेहतर है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मनरेगा के तहत जिन राज्यों में महिलाओं की भागीदारी कम है, वहां पर जन धन योजना में भी महिला लाभार्थियों की संख्या कम है. इससे महिला सशक्तीकरण के दोनों माध्यमों के बीच एक सकारात्मक संबंध का पता चलता है.
इसमें कहा गया है, ‘ऐसी स्थिति में मनरेगा के तहत अधिक महिलाओं को शामिल करने की कोशिश की जानी चाहिए ताकि सभी महिलाओं को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाया जा सके.’
पिछले पांच वित्त वर्षों में महिलाओं की कुल प्रति व्यक्ति जमा में 4,618 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की भागीदारी अधिक है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
यह भी पढ़ें: कम गरीबी, असमानता, फिर भी पंजाब अपनी उपलब्धियों पर आराम नहीं कर सकता क्योंकि शहरों में गरीबी बढ़ी है