नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) जेनसोल इंजीनियरिंग ने बुधवार को कहा कि प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने उसे बाजार नियामक सेबी के उस अंतरिम आदेश पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दे दी है, जिसमें कंपनी और उसके प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
पिछले महीने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अंतरिम आदेश में कोष को दूसरी जगह भेजने और संचालन से जुड़ी खामियों के मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों- अनमोल सिंह जग्गी एवं पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया था।
जेनसोल इंजीनियरिंग ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष दायर उसकी अपील का निपटारा कर दिया गया है, जिससे उसे दो सप्ताह के भीतर सेबी के अंतरिम आदेश पर अपना जवाब दाखिल करने का अवसर मिला है।
कंपनी ने बताया कि जवाब दाखिल करने के दो सप्ताह के भीतर सेबी को उसका पक्ष सुनने और चार सप्ताह के भीतर उचित आदेश पारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सैट ने अपने निपटान आदेश में सेबी के अंतरिम आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
जेनसोल इंजीनियरिंग ने कहा कि नौ मई के सैट आदेश के खुलासे में देरी मुख्य रूप से अनुपालन अधिकारी का पद रिक्त होने, उचित संख्या में निदेशकों और प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों की कमी के कारण हुई।
कंपनी सेबी के अंतरिम आदेश का जवाब तैयार करने के लिए फिलहाल अपने कानूनी सलाहकारों और वकील से कानूनी सहायता मांग रही है।
सेबी ने 15 अप्रैल, 2025 को जारी अपने अंतरिम आदेश में जग्गी बंधुओं को अगले आदेश तक जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक का पद संभालने से रोक दिया था।
यह आदेश जून, 2024 में जेनसोल के शेयरों की कीमत में हेराफेरी और कंपनी का पैसा दूसरी जगह भेजने की शिकायत मिलने के बाद आया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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