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गुरूवार, 22 मई, 2025
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बेंगलुरु में 15,000 सीट वाला एसएपी का नया उत्कृष्टता केंद्र अगस्त में हो जाएगा चालू

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(कुमार दीपांकर)

ऑरलैंडो (फ्लोरिडा), 22 मई (भाषा) जर्मनी की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी एसएपी इस साल अगस्त में बेंगलुरू में 15,000 सीट की क्षमता वाला एक नया उत्कृष्टता केंद्र खोलने की तैयारी कर रही है, ताकि वैश्विक स्तर पर और भारत में बढ़ती कारोबारी जरूरतों को पूरा किया जा सके।

एसएपी के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य तथा कंपनी के उत्पाद एवं इंजीनियरिंग प्रमुख मुहम्मद आलम ने ‘एसएपी सफायर 2025’ में कहा, ‘‘ भारत हमारे सबसे बड़े विकास केंद्रों में से एक है और हम इस साल के अंत में एक नई सुविधा खोल रहे हैं जिसकी क्षमता और भी अधिक है। उत्पाद इंजीनियरिंग के नजरिये से, इसके आकार को देखते हुए, यह एक बहुत ही आत्मनिर्भर एवं बेहद अलग तरह का (केंद्र) होगा।’’

एसएपी भारतीय उपमहाद्वीप के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनीष प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नया उत्कृष्टता केंद्र वर्ष की दूसरी छमाही, संभवतः जुलाई-अगस्त में चालू हो जाएगा।

बेंगलुरु के देवनहल्ली में एसएपी लैब्स इंडिया के 41 एकड़ के ग्रीनफील्ड परिसर में 15,000 अतिरिक्त लोगों के बैठने की क्षमता होगी। यह बेंगलुरु में एसएपी का दूसरा परिसर होगा। 1998 से संचालित एसएपी लैब्स इंडिया के वर्तमान में पांच शहरों बेंगलुरु, गुरुग्राम, मुंबई, हैदराबाद और पुणे में 14,000 कर्मचारी हैं।

एसएपी लैब्स इंडिया, जर्मनी के वाल्डोर्फ स्थित मुख्यालय के बाहर एसएपी का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मोटर वाहन, स्वास्थ्य और खुदरा सहित सभी क्षेत्रों में कारोबार बढ़ रहा है। भारतीय कंपनियां बहुत तेजी से कृत्रिम मेधा (एआई) को अपना रही हैं। हम मध्यम आकार के बाजारों में भी अपनी पहुंच बना रहे हैं।’’

अमेरिका के व्यापार और वीजा प्रतिबंधों के कारण कारोबार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में एसएपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं कार्यकारी बोर्ड के चेयरमैन क्रिश्चियन क्लेन ने कहा कि कंपनी के पालो अल्टो सहित विभिन्न स्थानों पर परिसर हैं और पेशेवरों को स्थानांतरित करने में कोई समस्या नहीं है।

क्लेन ने कहा कि कंपनी की किसी भी आईटी परियोजनाओं में कोई देरी नहीं हुई है। हालांकि आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, विनिर्माण में बदलाव, लॉजिस्टिक्स में परिवर्तन और चीन की तुलना में इंडोनेशिया से अधिक आपूर्ति हो सकती है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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