चेन्नई, 20 फरवरी (भाषा) दक्षिण कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग के श्रीपेरंबदूर संयंत्र में कामगारों के एक वर्ग ने बृहस्पतिवार को कंपनी के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया।
कंपनी ने कहा कि उसकी ‘‘किसी भी अवैध गतिविधि के लिए शून्य-सहिष्णुता की नीति है।’’ कंपनी ने तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से ‘‘अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, अनुशासन बनाए रखने और कारोबार की स्थिति को सुगम बनाने’’ का आग्रह किया।
कर्मचारियों का एक वर्ग पहले सीआईटीयू (सीटू) समर्थित सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन के तीन पदाधिकारियों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा था और बृहस्पतिवार को उसने अपना आंदोलन तेज कर दिया।
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कंपनी ने कहा, ‘‘आज कर्मचारियों के एक खास वर्ग ने एक बार फिर अवैध रूप से परिचालन और औद्योगिक शांति को बाधित करने की कोशिश की।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘सैमसंग में, हमारी प्राथमिकता सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर कार्यस्थल बनाए रखना है। आज कर्मचारियों के एक खास वर्ग ने एक बार फिर अवैध रूप से परिचालन और औद्योगिक शांति को बाधित करने की कोशिश की। हमारे पास कर्मचारियों द्वारा किसी भी अवैध गतिविधि के लिए शून्य-सहिष्णुता की नीति है जो औद्योगिक स्थिरता और कार्यस्थल पर शांति को बाधित करती है।’’
कंपनी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सभी कर्मचारियों के लिए कंपनी की नीतियों का पालन करना महत्वपूर्ण है और जो लोग इन नीतियों का उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ उचित प्रक्रिया के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हमारा उत्पादन निर्बाध बना हुआ है, हम राज्य के अधिकारियों से अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, अनुशासन बनाए रखने और कारोबार की स्थिति को सुगम करने का आग्रह करते हैं।’’
सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन के तहत कर्मचारी पांच फरवरी से अपने तीन सहकर्मियों की बहाली की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, जिन्हें प्रबंधन ने निलंबित कर दिया था।
पिछले साल, सैमसंग इंडिया के कर्मचारी वेतन संशोधन सहित विभिन्न मांगों को लेकर एक महीने से अधिक समय तक हड़ताल पर रहे थे और बाद में तमिलनाडु सरकार के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस ले लिया गया था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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