मुंबई, नौ मई (भाषा) विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को रुपया अपने शुरुआती नुकसान से उबरकर 22 पैसे की तेजी के साथ 85.36 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप के कारण रुपये को अत्यधिक हानि की स्थिति से उबरने में मदद मिली।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष के कारण रुपया कमजोर रुख के साथ खुला, हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी कमजोरी को रोकने के लिए कारोबार में हस्तक्षेप किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.88 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 84.32 के दिन के उच्चतम स्तर और 85.88 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा। कारोबार के अंत में रुपया 85.36 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद स्तर से 22 पैसे की बढ़त को दर्शाता है।
रुपये में बृहस्पतिवार को ढाई साल से अधिक समय की सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट देखी गई और यह डॉलर के मुकाबले 81 पैसे की गिरावट के साथ 85.58 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘सीमा पार भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच शुक्रवार को भारतीय रुपया कमजोर खुला। कमजोर घरेलू बाजार और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी रुपये पर दबाव डाला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री की रिपोर्ट के साथ अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण सत्र के दूसरे हिस्से में रुपये में मजबूती आई।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 100.38 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.80 प्रतिशत बढ़कर 63.97 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा क्योंकि भारत-पाक तनाव बढ़ने के कारण रुपये पर दबाव बना रह सकता है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और घरेलू बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति रुपये पर और दबाव डाल सकती है।
चौधरी ने कहा, ‘‘हालांकि, एफआईआई प्रवाह रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है। सप्ताहांत में तनाव कम होने पर भी रुपये को निचले स्तरों पर सहारा मिल सकता है।’’
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 880.34 अंक टूटकर 79,454.47 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 265.80 अंक गिरकर 24,008.00 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 3,798.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
पाण्डेय
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