मुंबई, पांच मई (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट और घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुख के चलते सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे बढ़कर 84.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर पहुंच गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.45 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 84.10 के दिन के उच्चतम स्तर और 84.47 के निम्नतम स्तर के बीच घूमता रहा। कारोबार के अंत में रुपया 84.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद स्तर से 24 पैसे की बढ़त है।
शुक्रवार को रुपये में काफी उतार-चढ़ाव रहा और यह सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया तथा 84 डॉलर प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया, लेकिन फिर भी यह अपनी सारी बढ़त गंवाकर तीन पैसे की गिरावट के साथ 84.57 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक जिंस और मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निरंतर निवेश से रुपये को समर्थन मिला है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में इस साल अब तक 20 प्रतिशत से अधिक की तीव्र गिरावट ने भी इसे और समर्थन दिया है, जिससे भारत के आयात खर्च में कमी आई है।
इस बीच, विष्व की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला, डॉलर इंडेक्स 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.64 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.26 प्रतिशत गिरकर 60.52 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अधिक आपूर्ति और कमजोर मांग की संभावना ने कच्चे तेल की कीमतों पर भारी दबाव डाला, जो इस कैलेंडर वर्ष में अब तक भारी नुकसान का सामना कर रहे थे।
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 294.85 अंक बढ़कर 80,796.84 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 114.45 अंक बढ़कर 24,461.15 पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एमआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 2,769.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 25 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.98 अरब डॉलर बढ़कर 688.13 अरब डॉलर हो गया।
भाषा राजेश राजेश अजय
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