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बुधवार, 21 मई, 2025
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रुपया चार पैसे की बढ़त के साथ 85.32 प्रति डॉलर पर

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(ग्राफिक्स के साथ)

मुंबई, 14 मई (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और सकारात्मक वृहद आर्थिक आंकड़ों के समर्थन से बुधवार को रुपया अपनी ज्यादातर शुरुआती बढ़त गंवाकर डॉलर के मुकाबले चार पैसे की बढ़त के साथ 85.32 पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजार में डॉलर की कमजोरी तथा व्यापार शुल्क तनाव कम होने के बीच जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों के प्रति बढ़ती रुचि ने निवेशकों की धारणा को बढ़ावा दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया सकारात्मक रुख के साथ खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह डॉलर के मुकाबले 85.05 के उच्च एवं 85.52 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा। सत्र के अंत में रुपया 85.32 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की बढ़त है।

रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.36 पर स्थिर रहा था।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, “कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक, सस्ती आयातित वस्तुओं और बाजारों में जोखिम भरे माहौल के चलते बुधवार को भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले बढ़त देखी गई।”

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, “रुपया आज बढ़त और गिरावट के बीच झूलता रहा और लगभग अपरिवर्तित बंद हुआ। उम्मीद से बेहतर मुद्रास्फीति के आंकड़ों के कारण रुपया मजबूती के साथ खुला। भारत की सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 3.16 प्रतिशत रह गई, जबकि मार्च में यह 3.34 प्रतिशत थी और इसके 3.27 प्रतिशत रहने का अनुमान था।”

उन्होंने कहा, “कमजोर अमेरिकी डॉलर और सकारात्मक घरेलू बाजारों ने भी रुपये को समर्थन दिया। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेश) निकासी ने तेज बढ़त को रोक दिया।”

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 100.35 पर रहा।

घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 182.34 अंक की बढ़त के साथ 81,330.56 अंक पर जबकि निफ्टी 88.55 अंक चढ़कर 24,666.90 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65.90 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 931.80 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

सब्जियों, फलों एवं दालों की कीमतों में नरमी आने से अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.16 प्रतिशत पर आ गई। इससे भारतीय रिजर्व बैंक के लिए जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में एक और कटौती की पर्याप्त गुंजाइश बन गई है।

वहीं खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में कमी आने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 13 महीने के निचले स्तर 0.85 प्रतिशत पर आ गई।

भाषा अनुराग अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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