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Friday, 21 November, 2025
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रुपया 98 पैसे टूटकर सर्वकालिक निचले स्तर 89.66 प्रति अमेरिकी डॉलर पर बंद

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मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले शुक्रवार को रुपया धराशायी हो गया जब डॉलर के मुकाबले यह 98 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 89 के स्तर को पार कर सर्वकालिक निचले स्तर 89.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

स्थानीय और वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली के दबाव और व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच घरेलू विदेशी मुदा विनिमय बाजार में डॉलर की जोरदार मांग के कारण रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी शेयरों के आसपास हलचल को लेकर चिंताओं से भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, विदेशी निधियों की ताजा धननिकासी से भी निराशा और बढ़ गई।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 88.67 पर खुला और दोपहर के भारी उतार-चढ़ाव के भंवर में फंस गया। दिन के कारोबार के दौरान रुपये में 88.59 के उच्चतम और 89.66 के निम्नतम स्तर को छुआ।

कारोबार के अंत में, रुपया तीन साल से ज़्यादा समय में सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता डॉलर के मुकाबले 98 पैसे गिरकर आखिरकार 89.66 पर बंद हुआ। इससे पहले एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट 24 फरवरी, 2022 को देखने को मिली थी जब डॉलर के मुकाबले रुपये में 99 पैसे की गिरावट दर्ज की गई थी।

बृहस्पतिवार को रुपया 20 पैसे फिसलकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.68 पर बंद हुआ था।

सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स ने एक परिपत्र में कहा कि शुक्रवार को भारतीय रुपये में ज़बरदस्त उतार-चढ़ाव देखा गया, जिसने अपना अब तक के रिकॉर्ड को हिलाकर रख दिया। पहले के सत्र के उलट, जहां खबरें, कीमतों की दिशा को प्रभावित किया करती थी, यह उतार-चढ़ाव, ज़्यादातर बढ़ती मांग से प्रेरित था।

इसमें कहा गया है कि इस उतार-चढ़ाव को और भी खास बनाने वाली बात यह थी कि बाकी सभी बड़े संकेतक मोटे तौर पर स्थिर रहे — चाहे डॉलर सूचकांक हो, या कच्चे तेल की कीमतें हो, ईएम करेंसी हो और यहां तक कि सोने में भी मुश्किल से कोई बदलाव हुआ हो। इस शांत माहौल ने इस बात को और पक्का किया कि शुक्रवार को डॉलर-रुपया में उछाल वैश्विक संकेतों से नहीं, बल्कि पूरी तरह से घरेलू डॉलर की मांग बढ़ने के कारण था, जो उपलब्ध आपूर्ति से कहीं अधिक था।

इस बीच, विश्व की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 100.17 पर पहुंच गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 2.18 प्रतिशत गिरकर 62.00 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

घरेलू शेयर बाजार में, बंबई सेंसेक्स 400.76 अंक टूटकर 85,231.92 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 124.00 अंक टूटकर 26,068.15 पर बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,766.05 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक जोखिम धारणा और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के चलते शुक्रवार को रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका में उम्मीद से बेहतर गैर-कृषि पेरोल आंकड़ों के साथ ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कम होने तथा मजबूत डॉलर सूचकांक के साथ रुपये पर और दबाव पड़ा।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि केंद्रीय बैंक रुपये के किसी विशेष स्तर को लक्ष्य नहीं बनाता है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा शुल्क लगाए जाने के बाद उत्पन्न व्यापार अनिश्चितताओं के कारण घरेलू मुद्रा में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट आई है।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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