मुंबई, दो जुलाई (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे टूटकर 85.68 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में मामूली सुधार से भी रुपये पर दबाव पड़ा क्योंकि बाजार निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए बातचीत जारी है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.59 पर खुला। इसने कारोबार के दौरान 85.57 के उच्चस्तर तथा 85.75 के निचले स्तर को छुआ। अंत में यह 85.68 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से नौ पैसे की गिरावट है।
मंगलवार को रुपया 17 पैसे बढ़कर 85.59 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत चढ़कर 96.95 पर पहुंच गया।
वायदा कारोबार में वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.92 प्रतिशत बढ़कर 67.73 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘हमें लगता है कि नौ जुलाई की समयसीमा नजदीक आने के साथ ही शुल्क को लेकर अनिश्चितता के कारण रुपये में गिरावट आएगी। शुल्क के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने वाले बयानों से बाजार में हलचल मची हुई है।’
भारत और अमेरिका के बीच वाशिंगटन में मंगलवार को छठे दिन भी गहन वार्ता जारी रही। वार्ता निर्णायक चरण में पहुंच गई है और भारत ने अपने श्रम-गहन उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग की है।
वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में भारतीय दल अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर वार्ता के लिए वाशिंगटन में है।
दोनों पक्ष नौ जुलाई की समयसीमा से पहले वार्ता को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 890.93 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा अनुराग अजय
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