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सोमवार, 9 जून, 2025
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रुपया 50 पैसे टूटकर 86.26 प्रति डॉलर पर, तीन माह में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट

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मुंबई, आठ अप्रैल (भाषा) लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 50 पैसे लुढ़ककर 86.26 (अस्थायी) पर बंद हुआ। वैश्विक व्यापार युद्ध के कारण आर्थिक मंदी की आशंका के बीच करीब तीन महीने में यह रुपये में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में कुछ सुधार और विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अमेरिकी प्रशासन द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर चीन के 34 प्रतिशत आयात शुल्क के जवाब में 50 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क लगाने की नई धमकी के बाद वैश्विक बाजार अत्यधिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.89 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 85.82 के उच्चस्तर और 86.29 के निचले स्तर के बीच झूलता रहा। अंत में रुपया 86.26 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 50 पैसे की गिरावट है।

इससे पहले इस वर्ष 13 जनवरी को एक सत्र में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी, जब इसमें 66 पैसे की गिरावट आई थी।

सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे की गिरावट के साथ 85.76 पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को पिछले सत्र में इसमें 14 पैसे की गिरावट आई थी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण आयातकों की मजबूत डॉलर मांग और भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी कोषों की सतत निकासी है।

उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, रुपया इस महीने अपने एशियाई समकक्षों के बीच सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा के रूप में उभरा है। रुपये के लिए बाजार की धारणा नकारात्मक बनी हुई है, खासकर अमेरिका द्वारा जवाबी शुल्क लगाए जाने के बाद, जिसके कारण 21 मार्च के बाद से भारतीय मुद्रा अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है।’’

घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर, निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सोमवार को प्रमुख ब्याज दरों पर अपने तीन दिवसीय विचार-विमर्श की शुरुआत की। निर्णय की घोषणा बुधवार को की जाएगी।

इस बीच, दुनिया की छह अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती का आकलन करने वाला, डॉलर इंडेक्स 0.06 प्रतिशत बढ़कर 103.03 पर कारोबार कर रहा था।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में कुछ सुधार दिखा, क्योंकि यह वायदा कारोबार में 0.19 प्रतिशत बढ़कर 64.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

घरेलू शेयर बाजार रिकॉर्ड निचले स्तर से उबर गए और 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1089.18 अंक बढ़कर 74,227.08 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 374.25 अंक बढ़कर 22,535.90 अंक पर बंद हुआ।

सोमवार को दोनों बेंचमार्क सूचकांक करीब पांच प्रतिशत तक टूटने के बाद अंत में तीन प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए थे।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को शुद्ध आधार पर 9,040.01 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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