मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से रुपया सोमवार को 22 पैसे टूटकर 86.02 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी पूंजी की निकासी तथा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में किसी भी प्रकार की सफलता में देरी से स्थानीय मुद्रा पर दबाव बढ़ा है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.96 प्रति डॉलर पर खुला। दिन में 85.92 से 86.05 प्रति डॉलर के सीमित दायरे में कारोबार के बाद अंत में यह 86.02 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव से 22 पैसे की गिरावट है।
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.80 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कोष प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘ भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अभी तक नहीं हो पाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों यूरोपीय संघ और मेक्सिको पर शुल्क लगा दिए हैं, जिससे भारतीय रुपये में फिर से गिरावट आई है। डॉलर सूचकांक में तेजी आई और पूरे दिन रुपये में गिरावट रही जबकि एशियाई मुद्राएं थोड़ी कमजोर रहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ रुपये के मंगलवार को 85.75 से 86.25 के बीच रहने के आसार हैं क्योंकि निवेशकों को अभी अमेरिकी के खुदरा मुद्रास्फीति आंकड़ों का इंतजार है।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 97.82 पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 247.01 अंक की गिरावट के साथ 82,253.46 अंक पर जबकि निफ्टी 67.55 अंक फिसलकर 25,082.30 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 71.46 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 5,104.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
भाषा निहारिका अजय
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