मुंबई, 29 जुलाई (भाषा) अमेरिकी डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच रुपया मंगलवार को 12 पैसे टूटकर 86.82 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) और आयातकों की ओर से मासान्त की डॉलर मांग ने रुपये पर और दबाव डाला। इसके अलावा, इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति के फैसले से पहले निवेशक सतर्क हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.76 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 86.92 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छू गया। अंत में यह 86.82 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 12 पैसे की गिरावट है।
रुपया सोमवार को डॉलर के मुकाबले 86.70 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ अमेरिकी डॉलर में तेजी व कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण भारतीय रुपया करीब 20 पैसे गिर गया। अमेरिका-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते को लेकर आशावाद से अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई। हालांकि, पिछले तीन सत्रों की भारी गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजारों में आई तेजी ने गिरावट को कुछ कम किया।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.75 पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 446.93 अंक की बढ़त के साथ 81,337.95 अंक पर जबकि निफ्टी 140.20 अंक चढ़कर 24,821.10 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 70.36 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 6,082.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा निहारिका अजय
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