मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा) विश्व की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने तथा स्थानीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली का दौर रहने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सात पैसे की गिरावट के साथ 83.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों ने भी निवेशकों की कारोबारी धारणा को प्रभावित किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.36 प्रति डॉलर पर खुला। दिन के कारोबार में यह 83.44 के निम्नतम स्तर को छूने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले सात पैसे की गिरावट के साथ 83.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बुधवार को रुपया 83.31 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित रहा था। ‘ईद-उल-फितर’ के मौके पर बृहस्पतिवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार बंद था।
इस बीच, विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 105.82 हो गया।
मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण अमेरिकी डॉलर पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। सकल (हेडलाइन) और मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति पूर्वानुमान में अधिक रही, जिससे जून में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें कम हो गईं। एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के आक्रामक ब्योरे से डॉलर को समर्थन मिला।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का रुपये पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे देश की चालू खाता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.97 प्रतिशत की बढ़त के साथ 90.61 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
बीएनपी पारिबा बाई शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच कमजोर वैश्विक शेयर बाजार के कारण रुपया थोड़ा नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ कारोबार करेगा। डॉलर में तेजी का रुख रुपये पर और दबाव डाल सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, एफआईआई प्रवाह से निचले स्तर पर रुपये को समर्थन मिल सकता है। कारोबारी भारत की मुद्रास्फीति और आईआईपी आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं…।’’
घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर, 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 793.25 अंक की गिरावट के साथ 74,244.90 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 8,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश रमण
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