मुंबई, 10 अगस्त (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 38 पैसे की तेजी के साथ 79.25 के भाव पर बंद हुआ। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा पूंजी बाजार में विदेशी कोषों के सतत निवेश से रुपया मजबूत हुआ।
विदेश में डॉलर की कमजोरी से रुपये को अतिरिक्त समर्थन मिला।
अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले अमेरिकी डॉलर सूचकांक में गिरावट का रुख था। मुद्रास्फीति के आंकड़े दिन का कारोबार बंद होने के बाद जारी हुए। इन आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी मुद्रास्फीति जून में 40 साल के उच्चस्तर से घटकर जुलाई में 8.5 प्रतिशत रह गई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.59 के स्तर पर खुला और 79.25 के उच्चस्तर पर बंद हुआ। इस तरह रुपये ने दिन के कारोबार में 38 पैसे की बढ़त दर्ज की।
इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोमवार को रुपया 79.63 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था। मंगलवार को ‘मुहर्रम’ की वजह से बाजार बंद था।
शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर में नरमी और कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी के चलते भारतीय रुपये में तेजी आई। हालांकि, वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने के रुख के चलते रुपये की बढ़त सीमित रही।’’
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा कि चूंकि अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े कम हैं, इसलिए डॉलर सूचकांक कमजोरी के साथ 106 से नीचे कारोबार कर रहा था। उन्होंने कहा कि रुपया 79.30-79.80 के दायरे में रह सकता है।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत गिरकर 106.18 पर था।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.10 प्रतिशत गिरकर 95.25 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजार में फिर से पूंजी लगाने लगे हैं। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,061.88 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा पाण्डेय अजय
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