नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठनों ने बृहस्पतिवार को जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘दूरदर्शी नेतृत्व’ में संपादित ‘साहसिक और जनहितैषी सुधार’ करार दिया।
इन अनुषंगी संगठनों ने कहा कि जीएसटी दरों में सुधार का कदम घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देगा, एमएसएमई इकाइयों को सशक्त बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करेगा।
जीएसटी परिषद ने बुधवार को कर संरचना में बड़े बदलाव को मंजूरी देते हुए कर दरों को पांच एवं 18 प्रतिशत के दो स्लैब तक सीमित कर दिया। यह व्यवस्था 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगी।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर. सुंदरम ने इसे ‘स्वदेशी उन्मुख सुधार’ बताते हुए कहा कि यह घरेलू उद्योगों और कारीगरों को समर्थन देगा।
सुंदरम ने कहा, ‘‘परिवारों और एमएसएमई इकाइयों पर करों का बोझ घटने से खपत और मांग बढ़ेगी, जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर गुणक प्रभाव पड़ेगा।’’
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव रविंद्र हिमते ने कहा कि यह सुधार आम आदमी के लिए अनुकूल कर संरचना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विनिर्माता और बीमा कंपनियां दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी।
लघु उद्योग भारती ने भी इस निर्णय को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इससे उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।
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