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Monday, 23 September, 2024
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‘विकसित भारत’ के लिए राज्यों को 75,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्जः सीतारमण

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार ने ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए राज्यों के स्तर पर किए जाने वाले सुधारों के लिए राज्यों को 50 साल के लिए 75,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज देने का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते समय यह घोषणा की। सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्यों में वृद्धि एवं विकास-प्रोत्साहक सुधारों को लागू करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकारों के स्तर पर किए जाने वाले सुधारों का समर्थन करने के लिए 50 वर्ष के ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने का इस साल प्रस्ताव है।’’

बजट दस्तावेजों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों के हिस्से के हस्तांतरण, अनुदान एवं ऋण के तौर पर राज्यों को कुल 22,22,264 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जाने वाले हैं।

यह वित्त वर्ष 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों से 4,13,848 करोड़ रुपये अधिक है।

सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी विकास के नजरिये के साथ काम कर रही है जिसमें सभी जातियों और सभी स्तरों के लोगों को शामिल किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का दृष्टिकोण प्रकृति के साथ सामंजस्य, आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ समृद्ध भारत और सभी नागरिकों एवं सभी क्षेत्रों को उनकी क्षमता तक पहुंचने के अवसर प्रदान करना है।

इसके साथ ही सीतारमण ने कहा, ‘‘जुलाई में पेश किए जाने वाले पूर्ण बजट में हमारी सरकार ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए एक विस्तृत रूपरेखा पेश करेगी।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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