नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण को प्रोत्साहन देने के लिए बुधवार को 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
इस योजना का उद्देश्य देश में ई-कचरे, लिथियम-ऑयन बैटरी के कबाड़ और पुराने वाहनों के कैटेलिटिक कन्वर्टर जैसे स्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों को अलग करने और उत्पादन की पुनर्चक्रण क्षमता विकसित करना है।
खान मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है।’’
यह योजना राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) का हिस्सा है। इस मिशन का लक्ष्य महत्वपूर्ण खनिजों के लिये घरेलू क्षमता और आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती बढ़ाना है।
सरकार एनसीएमएम के लिए पहले ही 16,300 करोड़ रुपये की मंजूरी दे चुकी है। सात साल की अवधि में इस मिशन पर कुल 34,300 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का योगदान 18,000 करोड़ रुपये का होगा।
तांबा, लिथियम, निकेल, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी तत्व जैसे महत्वपूर्ण खनिज स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने में जरूरी कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होते हैं।
इस मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में खनिजों के अन्वेषण को तेज करना, आयात निर्भरता घटाना, विदेशों में खनिज ब्लॉक का अधिग्रहण करना, खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियां विकसित करना और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना शामिल है।
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