नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में दुर्लभ खनिजों के उत्पादन को सब्सिडी देने के लिए 1,345 करोड़ रुपये की योजना पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श जारी है। इसके तहत दो चुनिंदा विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव है।
प्रस्तावित योजना चीन के दुर्लभ खनिज (चुंबक) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद आई है। चीन के इस कदम से वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हुई है और भारत सहित दुनियाभर के इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं की परेशानी बढ़ गई है।
यह योजना दुर्लभ खनिज ‘ऑक्साइड’ को चुंबक में बदलने में हर स्तर पर सहायता प्रदान करेगी।
सूत्रों ने बताया कि अंतर-मंत्रालयी परामर्श पूरा होने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जा सकता है।
कुमारस्वामी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ 1,345 करोड़ रुपये की योजना में दो विनिर्माताओं को प्रोत्सादन देने का प्रस्ताव है।’’
भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव कामरान रिजवी ने बताया कि 1,345 करोड़ रुपये की एक योजना प्रस्तावित है जिसमें दुर्लभ खनिज ‘ऑक्साइड’ को चुंबक में बदलने के लिए दो विनिर्माताओं को हर स्तर पर समर्थन देने की परिकल्पना की गई है। इस पर अंतर-मंत्रालयी परामर्श जारी है।
रिजवी ने कहा, ‘‘ हमें चुंबकों में रुचि है। कोई भी हमें चुंबक देगा, उसे प्रोत्साहन मिलेगा। यह (1,345 करोड़ रुपये की योजना) पहली रूपरेखा है जिसे हमने अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजा है।’’
चीन के प्रमुख धातुओं के निर्यात पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध के कारण भारत सहित कई देशों में मोटर वाहन और सेमीकंडक्टर चिप के विनिर्माण में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हो गया है।
दुर्लभ खनिजों में नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन शामिल हैं। इसका इस्तेमाल उच्च प्रदर्शन वाले मोटर वाहन में किया जाता है। इलेक्ट्रिक वाहनों (दोपहिया व यात्री वाहनों) में ‘ट्रैक्शन मोटर्स’ और इलेक्ट्रिक वाहनों एवं पेट्रोल-डीजल वाले इंजन वाहनों में ‘पावर स्टीयरिंग मोटर्स’ (यात्री वाहनों में) में इसका उपयोग होता है।
भाषा निहारिका रमण
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