नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बृहस्पतिवार को हरित हाइड्रोजन उत्पादन में नवाचार के समर्थन के इरादे से स्टार्टअप फर्मों के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना शुरू की।
जोशी ने पहले हरित हाइड्रोजन शोध एवं विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के तहत हरेक पायलट परियोजना को अधिकतम पांच करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। इसका उद्देश्य उत्पादन, भंडारण, परिवहन और उपयोग की नई प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना है।
इस दो-दिवसीय सम्मेलन में 25 स्टार्टअप अपने नवाचार प्रदर्शित कर रहे हैं, जिनमें इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण, कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित अनुकूलन और जैविक हाइड्रोजन समाधान शामिल हैं।
जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2023 में शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) का लक्ष्य भारत को वैश्विक हाइड्रोजन केंद्र बनाना है। इस मिशन के लिए 19,744 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शोध एवं विकास योजना के तहत पहली किस्त में 23 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है जिनमें हाइड्रोजन उत्पादन, सुरक्षा, एकीकरण और अनुप्रयोग शामिल हैं।
इस योजना के तहत दूसरी किस्त के प्रस्तावों की प्रक्रिया 15 सितंबर तक जारी रहेगी।
भारत में हरित हाइड्रोजन उत्पादन की कई पायलट परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। उर्वरक क्षेत्र में हाल ही में हरित अमोनिया की पहली नीलामी हुई जिसमें कीमत 49.75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई।
जोशी ने कहा कि हरित हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन, 1.25 लाख मेगावॉट नई नवीकरणीय क्षमता, आठ लाख करोड़ रुपये का निवेश, छह लाख नए रोजगार और कार्बन उत्सर्जन में प्रति वर्ष पांच करोड़ टन की कटौती करना है।
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