नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) भारतीय सड़क लॉजिस्टिक्स उद्योग का राजस्व एक सीमित दायरे में रहेगा और चालू वित्त वर्ष में इसके तीन से छह प्रतिशत की धीमी गति से बढ़ने की उम्मीद है। साख निर्धारक एजेंसी इक्रा ने सोमवार को यह अनुमान पेश किया।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसका मानना है कि चुनावों के दौरान सरकारी पूंजीगत व्यय में नरमी (आदर्श आचार संहिता को देखते हुए), ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरों की वजह से उपभोक्ता मांग कम रहेगी।
इक्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में परिचालन मुनाफा मार्जिन 10.5-12.5 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद है क्योंकि लागत मुद्रास्फीति पर चिंता बनी हुई है।
आर्थिक गतिविधियों में निरंतर गति, संगठित व्यापार की बढ़ी हुई पकड़ और ई-कॉमर्स, एफएमसीजी, खुदरा, फार्मास्युटिकल्स और औद्योगिक सामान जैसे विभिन्न क्षेत्रों से निरंतर समर्थन के कारण क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण स्थिर बना हुआ है।
इसमें कहा गया है कि पिछले चार महीनों में ई-वे बिल निकालने का मासिक आंकड़ा काफी हद तक स्थिर बना हुआ है। यह अक्टूबर, 2023 में 10 करोड़ के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। इसके बाद से यह लगातार 8.5 करोड़ से अधिक बना हुआ है, जो घरेलू व्यापार और परिवहन गतिविधियों में मजबूती को दर्शाता है।
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