नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारतीय प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। शेयर बाजार में उछाल के कारण अप्रैल-नवंबर 2021 में 2.21 करोड़ व्यक्तिगत डीमैट खाते जोड़े गए। संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है।
समीक्षा के मुताबिक, ‘‘भारतीय शेयर बाजारों में तेजी का रूख बने रहने से इक्विटी क्षेत्र में व्यक्तिगत निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है और एनएसई में कुल कारोबार में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी 2019-20 के 38.8 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 44.7 प्रतिशत हो गई।’’
वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या बढ़ने के श्रेय कुछ हद तक फरवरी 2020 से नए निवेशकों के पंजीकरण में वृद्धि को दिया जा सकता है।
आर्थिक समीक्षा 2021-22 में कहा गया कि अप्रैल-नवंबर 2021 में करीब 221 लाख व्यक्तिगत डीमैट खाते जोड़े गए हैं। प्रतिभूति बाजारों में खुदरा निवेशकों की कुल भागीदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है वह भी विशेषकर बीते दो वर्ष में जो डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि से जाहिर है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 2019-20 में प्रत्येक महीने औसतन चार लाख नए डीमैट खाते खोले गए जो चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 26 लाख प्रतिमाह से अधिक हो गया।
अधिक भागीदारी के पीछे वजह है शेयर बाजारों में उछाल। 2021 में अप्रैल से दिसंबर के बीच सेंसेक्स और निफ्टी क्रमश: 17.7 फीसदी और 18.1 फीसदी चढ़ गए।
इसके अलावा, म्युचल फंड उद्योग की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) नवंबर 2021 के अंत में 24.4 फीसदी बढ़कर 37.3 लाख करोड़ रुपये हो गई जो नंवबर 2020 के अंत में 30 लाख करोड़ रुपये थी।
नवंबर 2021 की स्थिति के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) का शुद्ध निवेश 9.2 फीसदी बढ़ कर 288.4 अरब डॉलर हो गया जो नवंबर 2020 के अंत में 264 अरब डॉलर था।
भाषा
मानसी रमण
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