नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि में नियमों और दिशानिर्देशों को मंजूरी देना और अधिसूचित किया जाना बाकी है।
गौरतलब है कि दोनों देशों ने सात मार्च को दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें यह तय करने के लिए एक व्यवस्था…‘प्रिंसिपल पर्पज टेस्ट’… (पीपीटी) की व्यवस्था की गयी है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई विदेशी निवेशक संधि लाभों का दावा करने के लिए पात्र है या नहीं।
इसके साथ ही चिंता जताई जा रही थी कि मॉरीशस के रास्ते आने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशों को कर अधिकारियों की अधिक जांच का सामना करना पड़ेगा। ऐसी आशंकाएं भी जताई गईं कि पिछले निवेशों को संशोधित प्रोटोकॉल के दायरे में लाया जा सकता है।
आयकर विभाग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि हाल ही में संशोधित भारत मॉरीशस डीटीएए पर कुछ चिंताएं उठाई गई हैं।
विभाग ने कहा, ”इस संबंध में यह साफ किया जाता है कि ये चिंताएं फिलहाल समय से पहले उठाई जा रही हैं, क्योंकि दिशानिर्देशों को अभी तक अनुमोदित और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 90 के तहत अधिसूचित नहीं किया गया है।”
आयकर विभाग ने कहा कि जब दिशानिर्देश लागू होंगे, तो जरूरी होने पर आशंकाओं का समाधान किया जाएगा।
भाषा पाण्डेय रमण
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