नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र की राजस्व वृद्धि दर मामूली रूप से 4-6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस ने यह अनुमान लगाया है। यह आंकड़ा पिछली दो तिमाहियों से लगभग सात प्रतिशत से कम है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस ने बयान में कहा कि विश्लेषण में शामिल 600 से अधिक कंपनियों के राजस्व में बिजली, कोयला, आईटी सेवाओं और इस्पात क्षेत्रों की हिस्सेदारी एक-तिहाई है।
पांच क्षेत्रों – दवा, दूरसंचार सेवाएं, संगठित खुदरा, एल्युमीनियम और एयरलाइन – ने पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों की राजस्व वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा, ‘‘मानसून के जल्दी आने और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण अप्रैल-जून में कुछ क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ने का अनुमान है।’’
बारिश के कारण पड़ी हल्की गर्मी ने बिजली की मांग को कम कर दिया। इसके चलते बिजली क्षेत्र के राजस्व में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है।
शर्मा ने कहा कि कम मांग ने बिजली की हाजिर कीमतों को भी नीचे ला दिया, और कोयले की मांग में 2-3 प्रतिशत की कमी आई।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने आईटी सेवा क्षेत्र को प्रभावित किया है। इस क्षेत्र में शुल्क संबंधी चिंताओं के कारण परियोजनाओं में देरी के कारण राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर स्थिर देखी जा रही है, जिससे गतिविधियों में सुस्ती आई है।’’
क्रिसिल इंटेलिजेंस ने कहा कि इस्पात क्षेत्र के राजस्व में सालाना आधार पर 1-3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके मुताबिक प्रमुख इस्पात मिलों में नियोजित रखरखाव के लिए काम बंद होने और कीमतों में 2-4 प्रतिशत की सालाना गिरावट के कारण राजस्व प्रभावित हुआ।
दूसरी ओर, उच्च खुदरा बिक्री के कारण वाहन क्षेत्र के राजस्व में सालाना आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। निर्माण क्षेत्र का राजस्व सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस ने कहा कि पहली तिमाही में दवा क्षेत्र का राजस्व सालाना आधार पर 9-11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो मजबूत निर्यात मांग और स्थिर घरेलू बाजार से प्रेरित है। इसके अलावा, दूरसंचार सेवाओं का राजस्व सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
भाषा पाण्डेय अजय
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