scorecardresearch
Wednesday, 12 March, 2025
होमदेशअर्थजगतरिजर्व ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत किया

रिजर्व ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत किया

Text Size:

मुंबई, आठ अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया। भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक स्तर पर कीमतों में आए उछाल के चलते केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। हालांकि, रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि रबी की फसल अच्छी रहने से अनाज और दलहनों के दाम नीचे आएंगे।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं और धातुओं की कीमतों में उछाल आया है। अर्थव्यवस्था बढ़ती मुद्रास्फीति से प्रभावित है। 2022-23 में मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में यह 6.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में पांच प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत रहेगी।’’

इससे पहले फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने 2022-23 में मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया था।

रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लगातार 11वीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर कायम रखा है।

दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आर्थिक वृद्धि दर और मुद्रास्फीति के किसी भी अनुमान में ‘जोखिम’ की संभावना है।

हालांकि, रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि रबी यानी सर्दियों की फसल अच्छी रहने से अनाज और दालों की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिलेगी।

भाषा अजय अजय प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments