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आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में आईडीएफसी के विलय को रिजर्व बैंक ने मंजूरी दी

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नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आईडीएफसी लिमिटेड का उसकी बैंकिंग अनुषंगी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में विलय करने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी है।

आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के निदेशक मंडलों ने जुलाई में ही इन दोनों के विलय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी थी।

आईडीएफसी लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी (आईडीएफसी एफएचसीएल) को 26 दिसंबर को आरबीआई से मिले पत्रों में विलय की समग्र योजना पर अपनी अनापत्ति दे दी है।’

विलय योजना के तहत पहले आईडीएफसी एफएचसीएल का आईडीएफसी में विलय होगा। उसके बाद आईडीएफसी का विलय आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड में किया जाएगा।

नियामकीय सूचना के मुताबिक, यह विलय राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और प्रभावी कानूनों के तहत शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों सहित अन्य वैधानिक और विनियामक अनुमोदनों के अधीन है।

प्रस्तावित विलय योजना के तहत, आईडीएफसी के एक शेयरधारक को बैंक में प्रत्येक 100 शेयरों के एवज में 155 शेयर मिलेंगे। दोनों शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये है।

विलय के बाद बैंक का प्रति शेयर एकल आधार पर मूल्य 4.9 प्रतिशत बढ़ जाएगा। जून तक आईडीएफसी की अपनी गैर-वित्तीय होल्डिंग कंपनी के जरिये आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 39.93 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

ढांचागत क्षेत्र के कर्जदाता आईडीएफसी ने वर्ष 2015 में बैंकिंग अनुषंगी इकाई आईडीएफसी बैंक शुरू की थी लेकिन यह कोई खास पहचान नहीं बना पाया।

विलय के बाद आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की कोई प्रवर्तक इकाई नहीं होगी लेकिन यह पूरी तरह से संस्थागत और सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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