नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) हवाई किराये की सीमा को हटाने से एयरलाइन कंपनियों को रियायती किराये की पेशकश करने और अपने यात्रियों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने बुधवार को यह बात कही।
सरकार ने करीब दो साल से अधिक समय के बाद हवाई किराये की सीमा को खत्म करने का फैसला किया है। इसके साथ यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों को भरोसा है कि आने वाले महीनों में टिकट की कीमतें कम हो सकती हैं। खासकर आगामी त्योहारी सत्र में ऐसा होने की उम्मीद है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन विस्तारा ने कहा कि वह एक संतुलित मूल्य निर्धारण रणनीति जारी रखेगी।
उड़ान की अवधि के आधार पर हवाई किराये की ऊपरी और निचली सीमा मई, 2020 में तय की गई थी। इससे पहले कोविड-19 महामारी के कारण दो महीनों के लिए विमान सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था।
नागरिक विमानन मंत्रालय ने 10 अगस्त को घोषणा की थी कि घरेलू हवाई यातायात में सुधार हो रहा है और साथ ही विमान ईंधन की कीमत घटने के साथ 31 अगस्त से विमान किराये की सीमा को हटा दिया जाएगा।
इंडिगो के एक प्रवक्ता ने कहा कि हवाई किराये की सीमा को खत्म करने का सरकार का निर्णय एक स्वागतयोग्य कदम है। इससे एयरलाइन को हवाई किराये को बेहतर तरीके से तय करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि इसके तहत रियायती किराये की पेशकश करके यात्रियों की संख्या को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कदम से यात्रियों को भी लाभ होगा।
हवाई यात्रा के लिए किराये की सीमा हटाने के बारे में ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) की अध्यक्ष ज्योति मायल ने कहा कि आने वाले महीनों में हवाई किराये में कमी आने की उम्मीद है, खासकर त्योहारी सत्र के दौरान। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है लोग कहीं अधिक संख्या में यात्रा करेंगे।
भाषा पाण्डेय अजय
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