नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि उसने विदेशी मुद्रा में बॉन्ड जारी करके चार अरब अमेरिकी डॉलर (30,000 करोड़ रुपए) का कर्ज जुटाया है. यह किसी भारतीय कंपनी द्वारा जारी अब तक का सबसे बड़ी राशि का विदेशी मुद्रा बॉन्ड था.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा, ‘बॉन्ड इश्यू को 11.5 अरब डॉलर के साथ करीब तीन गुना अभिदान मिला.’ रिलायंस की विदेशी मुद्रा मूल्य में जारी बॉन्ड से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज को चुकाने में करने की योजना है.
यह किसी भारतीय कंपनी द्वारा जारी अब तक का सबसे बड़ी राशि का विदेशी मुद्रा बॉन्ड था. इससे पहले ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने वर्ष 2014 में अमेरिकी मुद्रा में बॉन्ड जारी कर 2.2 अरब डॉलर जुटाए थे.
कंपनी ने 10 साल के लिए 1.5 अरब डॉलर 2.875 प्रतिशत ब्याज, 30 साल के लिए 1.75 अरब डॉलर 3.625 प्रतिशत ब्याज और 40 साल के लिए 75 करोड़ डॉलर 3.75 प्रतिशत ब्याज पर जुटाए. इस तरह इसकी भुगतान अवधि 2032 से 2062 के बीच है.
यह पहली बार है कि जापान के बाहर बीबीबी-रेटिंग वाली किसी एशियाई कंपनी ने 40 साल की अवधि वाला डॉलर बॉन्ड जारी किया.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बॉन्ड को साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एस एंड पी ने बीबीबी प्लस और मूडीज ने बीएए2 रेटिंग दी थी.
रिलायंस के बयान के अनुसार इस बॉन्ड के जरिए एशिया से 53 प्रतिशत, यूरोप से 14 प्रतिशत और अमेरिका से 33 प्रतिशत राशि जुटाई गई.
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