नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने कम से कम 200 फ्यूचर रिटेल स्टोरों का संचालन प्रभावी रूप से अपने हाथों में ले लिया है और उनके कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश की है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आरआईएल को खुदरा कारोबार बेचने के संबंध में किशोर बियानी के नेतृत्व वाले समूह के ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के साथ मुकदमों में उलझे होने के बावजूद ऐसा किया गया है।
पूरे घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि रिलायंस रिटेल ने उन परिसरों का कब्जा लेना शुरू कर दिया है, जिसमें फ्यूचर रिटेल बिग बाजार जैसे अपने स्टोरों का संचालन कर रहा है और उन्हें अपने ब्रांड स्टोर से बदल रहा है।
उन्होंने कहा कि आरआईएल ने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के कर्मचारियों को नौकरी देना और उन्हें रिलायंस रिटेल के पेरोल पर लाना भी शुरू कर दिया है।
इस बारे में टिप्पणी के लिए अमेजन से संपर्क करने पर कंपनी ने कुछ कहने से इनकार कर दिया।
रिलायंस-फ्यूचर सौदे की अगस्त 2020 में घोषणा के बाद कई मकान मालिकों ने रिलायंस से संपर्क किया, क्योंकि फ्यूचर रिटेल किराया नहीं चुका पा रही थी।
सूत्रों ने कहा कि इसके बाद रिलायंस ने इन मकान मालिकों के साथ लीज समझौतों पर हस्ताक्षर किए और जहां भी संभव हुआ, इन परिसरों को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को सब-लीज पर दे दिया गया, ताकि कारोबार जारी रह सके।
उन्होंने कहा कि जिन स्टोरों को रिलायंस अपने कब्जे में ले रही है, वे घाटे में चल रहे हैं और बाकी स्टोर एफआरएल द्वारा संचालित होते रहेंगे। इस तरह एफआरएल का परिचालन घाटा कम हो जाएगा।
हालांकि, अब तक रिलायंस रिटेल के पास आ चुके स्टोरों की सही संख्या का पता नहीं चल सका है।
एक उद्योग सूत्र के अनुसार रिलायंस ऐसे परिसरों का मूल्यांकन करेगा, और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य पाए जाने पर उनका उपयोग करेगा। इस तरह रिलायंस करीब 30,000 कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करेगा। ऐसा नहीं करने पर वे अपनी नौकरी खो देते।
सूत्र ने कहा कि यह कदम बैंकों, लेनदारों और कर्मचारियों सहित एफआरएल के सभी हितधारकों के हित में है, क्योंकि कंपनी का कारोबार जारी है और उसकी कीमत बनी हुई है।
फ्यूचर रिटेल के 1,700 से अधिक खुदरा स्टोर हैं, जिनमें बिग बाजार शामिल हैं। कंपनी ने कुछ स्टोर के लिए किराया नहीं चुकाया है।
सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर स्टोरों में सामान की आपूर्ति रिलायंस जियोमार्ट कर रही है, क्योंकि नकदी की तंगी से एफआरएल मौजूदा आपूर्तिकर्ताओं को बकाया राशि नहीं दे पा रहा है। रिलायंस इन स्टोरों से बिग बाजार के साइन बोर्ड और ब्रांडिंग को अपने ब्रांड से बदल सकती है।
अपने स्टोरों के अधिग्रहण की पुष्टि या खंडन किए बिना फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘शेयरधारकों को पता है कि एफआरएल एक गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है। कंपनी ने कर्ज चुकाने में चूक की है और बैंकों ने कंपनी के खाते को एनपीए घोषित किया है। ’’
एफआरएल ने कहा कि उसे कार्यशील पूंजी संबंधी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है और ‘‘बड़ी बकाया राशि के कारण ज्यादातर स्टोरों को खाली करने के लिए नोटिस मिले हैं, और अब ऐसे स्टोर तक हमारी पहुंच नहीं है।’’
फ्यूचर समूह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र के आपात निर्णय पर रोक लगाने से उच्च न्यायालय के इनकार को चुनौती दी है।
मध्यस्थता केंद्र ने अपने आपात निर्णय में रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर समूह के 24,731 करोड़ रुपये के बिक्री सौदे पर आगे बढ़ने की रोक लगा दी थी। इससे सौदे को चुनौती देने वाली ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को बड़ी राहत मिली थी।
अमेजन इस मामले को गत वर्ष अक्टूबर में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में ले आई थी। उसका कहना था कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने प्रतिद्वंद्वी कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ बिक्री करार कर वर्ष, 2019 में अमेजन के साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है।
रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल के विलय का सौदा लगातार कानूनी विवादों में फंसा हुआ है। यह मामला कई नियामकीय एवं न्यायिक प्रतिष्ठानों में विचार के लिए लाया जा चुका है।
भाषा पाण्डेय मानसी
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