नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि नियामकों और अन्य संस्थाओं को डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को समझने में अधिक उन्नत और वक्त से आगे होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी कारोबारी गतिविधियों की जरूरत पर जोर दिया।
वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री सीतारमण ने डिजिटलीकरण के संदर्भ में सुरक्षा तंत्र की जरूरत का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि 2020 और उसके बाद के दशकों में डिजिटल तरीकों का महत्व बढ़ता जाएगा।
सीतारमण आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तहत आयोजित कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के समारोह में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) को डिजिटलीकरण के लिहाज से वक्त से आगे रहना चाहिए, ताकि निष्पक्ष और जवाबदेह प्रथाओं को सुनिश्चित किया जा सके और प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग न हो।
वित्त मंत्री ने निष्पक्ष, जवाबदेह और पारदर्शी कारोबारी प्रथाओं की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सभी को इस तथ्य से अवगत होना होगा कि डिजिटलीकरण समाज के सभी पहलुओं में शामिल है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘हम मौजूदा रुझानों से पीछे नहीं रह सकते… नियामकों को यह समझना होगा कि उन्हें किस स्तर पर और किस प्रभाव के साथ तैयार रहने की आवश्यकता है। हमें इस तरह की स्थिति में अनजान बनकर जाने की जगह अच्छी तैयारी के साथ आगे बढ़ना होगा।’’
उन्होंने कहा कि नियामकों और संस्थानों को डिजिटलीकरण से लाभ उठाना चाहिए। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत विभिन्न संस्थानों का उल्लेख करते हुए सीतारमण ने कहा कि सीसीआई ने एक बड़ा योगदान दिया है।
कॉरपोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने कहा कि मंत्रालय अनुपालन प्रबंधन सहित विभिन्न उपायों को लागू करेगा। उन्होंने कारोबारी सुगमता के लिए प्रौद्योगिकी आधारित मंचों पर जोर दिया।
कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सीएसआर एक्सचेंज पोर्टल भी शुरू किया गया।
भाषा पाण्डेय रमण
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