नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) शहरी स्थानीय निकायों को धन जुटाने में मदद के लिए भूमि बाजारों में सुधार करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबरॉय ने जी-20 अवसंरचना कार्यबल की एक कार्यशाला में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ”भूमि बाजार में सुधार का मतलब केवल संपत्ति कर नहीं है, बल्कि निश्चित रूप से हमें यह जानने की जरूरत है कि जमीन के किस हिस्से का मालिक कौन है और कई हिस्सों में भूमि रिकॉर्ड नकली हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में नए सिरे से शहरीकरण कठिन है, क्योंकि अधिकांश शहरीकरण क्रमिक रूप से हुआ है।
देबरॉय ने भूमि रूपांतरण में अधिक पारदर्शिता लाने की सलाह दी।
इसी कार्यक्रम में बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच ने कहा कि नगर पालिका अधिकारी विभिन्न शहरी बुनियादी ढांचे के लिए धन जुटाने को विशिष्ट एस्क्रो खाते पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में निवेशक हैं, जो शहरी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धन जुटाने में क्रेडिट रेटिंग से मदद मिल सकती है।
भाषा पाण्डेय अनुराग
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