नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जेबी मोहपात्रा ने कहा कि सरकार के आयकर विभाग में सुधार और घरेलू अर्थव्यवस्था को ‘मजबूत’ करने के निणर्यों से रिकॉर्ड प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है।
उन्होंने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था संबंधित आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि कंपनियों ने (करों का भुगतान करने के लिहाज से) चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया।
मोहपात्रा ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह कहना बहुत मुश्किल होगा कि अगले साल स्थिति कैसी होंगी लेकिन यह कहने के लिए कोई जगह नहीं है कि अच्छा समय केवल चार तिमाहियों तक रहता है।’
उन्होंने बातचीत के दौरान रिकॉर्ड कर संग्रह के कारणों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। अर्थव्यवस्था जितनी अच्छी होगी, कर संग्रह उतना ही अच्छा होगा, जो अभी हो रहा है।’
उन्होंने कहा कि कर संग्रह पर प्रभाव डालने वाले विभागों में किए गए सुधारों से भी संग्रह बढ़ा है।
मोहपात्रा ने कहा कि ऐसे कई नीतिगत उपाय हैं, जो बजट में या बजट के बाहर उठाये गए हैं और अब इन उपायों का ‘प्रभाव’ या ‘लाभ’ अब दिख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘कर संग्रह में वृद्धि का तीसरा कारण विभाग के भीतर सुधार की दिशा में पिछले चार वर्ष से उठाए जा रहे कदम हो सकते हैं।’
महापात्र ने कहा, ‘चौथा कारण छोटा लेकिन महत्वपूर्ण है और यह आयकर विभाग में प्रौद्योगिकी शामिल करने से संबंधित है।’
उन्होंने बताया कि 13.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर संग्रह (16 मार्च को) में से केवल 54,000-55,000 करोड़ रुपये ही नियमित निर्धारण कर से आया है (जिसके तहत कर का भुगतान करदाता द्वारा विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद किया जाता है)।
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा शेष संग्रह स्वैच्छिक अनुपालन के माध्यम से आ रहा है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि करदाता उन्हें मिल रही वित्तीय जानकारी से सशक्त हो रहे हैं।
सीबीडीटी दरअसल आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है।
भाषा जतिन पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.