नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) सरकार के आवश्यक दवाओं, जीवन रक्षक एवं चिकित्सकीय उपकरणों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती करने के फैसले का चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती होंगी।
जीएसटी परिषद ने बुधवार को माल एवं सेवा कर में व्यापक सुधारों के तहत के चार स्लैब को घटाकर केवल दो करने का फैसला किया। इनमें कर की दरें पांच और 18 प्रतिशत होंगी तथा अति-विलासिता एवं अहितकर वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर होगी।
इन सुधारों के तहत सभी दवाओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही चिकित्सकीय उपकरणों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, पट्टियों जैसी आपूर्तियों पर कर 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत किया गया है।
आरजी हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक अविनाश ओझा ने कहा, ‘‘ स्वास्थ्य सेवा के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए आवश्यक दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों पर जीएसटी में सरकार का हालिया सुधार स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती बनाने को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता को बताता है। 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी को पूरी तरह से माफ करना, साथ ही कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण दवाओं के लिए इसे घटाकर शून्य करना, अनगिनत रोगियों और उनके परिवारों के लिए एक स्वागत योग्य राहत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह कमजोर तबके के लोगों के लिए उपचार अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पारस हेल्थ के मुख्य परिचालन अधिकारी (ग्रुप) विनीत अग्रवाल ने कहा, ‘‘ जीएसटी सुधार भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आवश्यक वस्तुओं जैसे मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, सुधारात्मक उपकरण और व्यक्तिगत जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी हटा सरकार ने परिवारों पर वित्तीय दबाव कम किया है और गुणवत्तापूर्ण देखभाल को और अधिक सुलभ बनाया है। ’’
रीजेंसी हेल्थ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक कपूर ने कहा, ‘‘ ये जीएसटी सुधार स्वास्थ्य सेवा की सामर्थ्य में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि है। खासकर उन मरीजों के लिए जो पुरानी और जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं। 33 जीवन रक्षक दवाओं और कैंसर तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण दवाओं पर जीएसटी खत्म करने से इलाज की लागत का बोझ काफी हद तक कम हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि अन्य सभी दवाओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आवश्यक उपचार सभी के लिए वित्तीय रूप से सुलभ रहें।
कैलाश हॉस्पिटल्स की निदेशक डॉ. पल्लवी शर्मा ने कहा, ‘‘ स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सीय उपकरण क्षेत्र में जीएसटी सुधार, गुणवत्तापूर्ण देखभाल की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करते हुए मरीजों पर वित्तीय बोझ कम करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। यह कदम नवाचार को बढ़ावा देगा और शहरी एवं ग्रामीण दोनों आबादी के लिए विश्व स्तरीय समाधान अधिक सुलभ बनाकर भारत के स्वास्थ्य सेवा परिवेश को मजबूत करेगा। ’’
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर सर्विसेज के चिकित्सा निदेशक डॉ. मोहिता चंद्रा ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि ये सुधार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को हर किसी के लिए किफायती बनाकर .. दीर्घकालिक उपचार भार को कम करेंगे।’’
स्वास्थ्य सेवा कंपनी एवरब्लूम हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक सोनिया मेहता ने कहा कि दवाओं, जीवन रक्षक उपचारों और चिकित्सकीय उपकरणों पर कर दरों में कटौती का निर्णय केवल एक कर परिवर्तन नहीं बल्कि एक बड़ी राहत है। इसका असर देश के हर घर पर देखने को मिलेगा।
भाषा निहारिका रमण
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